Corona Vaccination In Delhi: दिल्ली सरकार पहली और दूसरी डोज देने के बजाय बूस्टर डोज लगाने पर ज्यादा ध्यान दे रही है. मई के दूसरे सप्ताह से कोरोना की पहली और दूसरी देने के बजाय बूस्टर डोज ज्यादा दी गई हैं. इसका परिणाम यह हुआ है कि दिल्ली में बूस्टर डोज और दूसरी डोज के बीच का अंतर पिछले एक सप्ताह में बढ़ गया है. बता दें कि दिल्ली सरकार ने सभी वयस्कों को बूस्टर डोज के लिए पात्र कर दिया है और बूस्टर डोज उन्हें एकदम मुफ्त लगाई जा रही है.
दूसरी डोज लगाने में लगातार आ रही गिरावट
बूस्टर डोज लगाने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की वजह से दूसरी डोज देने की संख्या में कमी आई है. सरकार के कोविन पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक इस हफ्ते अब तक दिल्ली में 71 हजार 696 लोगों को बूस्टर डोज, जबकि मात्र 33 हजार 987 लोगों को दूसरी डोज दी गई है. जबकि पिछले हफ्ते में 87 हजार 644 बूस्टर और 54 हजार 819 दूसरी डोज दी गई थीं. उससे पहले हफ्ते में 74 हजार 542 बूस्टर डोज, और 60 हजार 572 दूसरी डोज दी गई थीं. जब अधिकारियों से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दिल्ली में 12 से 14 साल के बच्चों के लिए पर्याप्त दूसरी डोज नहीं है.
घर-घर जाकर टीकाकरण कर रहे डॉक्टर
दिल्ली में अभी तक 1.8 करोड़ पात्र लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है. जबकि 1.6 करोड़ लोगों यानी 84 प्रतिशत पात्र लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है. जबकि 8.8 प्रतिशत लोगों को बूस्टर डोज या एहतियाती खुराज दी गयी है. दिल्ली सरकार घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान चला रही है. सरकार का उद्देश्य 60 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों का टीकाकरण करना है जिनका अभी टीकाकरण नहीं हुआ है. इसके अलावा सरकार 12 से 17 साल के उन बच्चों को तलाश रही है जिन्हें अभी तक दोनों टीके नहीं लगे हैं.
कोरोना के केस बढ़े लेकिन टीकाकरण के नहीं
सरकार द्वारा वैक्सीन का अभियान चलाने और कोरोना के मामलों में फिर से वृद्धि के बाद भी शहर में टीका लगवाने वालों की संख्या में वृद्धि नहीं देखी गई है. राजधानी में जून के पहले 14 दिनों में केवल 3.17 लाख डोज दी गई हैं, जबकि मई के अंतिम 14 दिनों में 3.2 लाख डोज दी गई हैं.
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