Delhi News: कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए कितना तैयार है दिल्ली का LNJP अस्पताल? पढ़ें रिपोर्ट
Delhi News: दिल्ली सरकार का दावा है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निबटने के लिए अच्छी तैयारी की है. एलएनजेपी अस्पताल) में तैयारियों को जानने के लिए एबीपी न्यूज की टीम पहुंची.
Delhi News: दिल्ली सरकार का दावा है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निबटने के लिए अच्छी तैयारी की है. फिर चाहे ऑक्सीजन प्लांट लगाना हो या ओमिक्रोन वेरिएंट के लिए वार्ड की व्यवस्था हो, दिल्ली के सबसे बड़े कोविड डेडीकेटेड अस्पताल लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी ) में तैयारियों को जानने के लिए एबीपी न्यूज की टीम पहुंची. अस्पताल के एमडी सुरेश कुमार ने सभी तैयारियों को विस्तार से एबीपी न्यूज की टीम को बताया. उन्होंने कहा, "कोरोना की दूसरी लहर में हमारा अस्पताल दिल्ली में सबसे बड़ा कोविड सेंटर बना था. यहां से सबसे ज्यादा मरीज ठीक होकर गए हैं. करीब 25 हजार लोगों का इलाज हुआ है. 700 से ज्यादा कोविड पॉजिटिव मदर की डिलीवरी भी यहां हुई थी."
नए वेरिएंट ओमिक्रोन के खतरे की तैयारियों पर कहते हैं, "इस बार हमें नई जिम्मेदारी ओमिक्रोन की मिली है जिसके लिए हमने 40 बेड्स तैयार किए हैं" उनका दावा है कि तीसरी लहर की मुकम्मल तैयारी है. सुरेश बताते हैं कि पहले ऑक्सीजन की कैपेसिटी 5 मैट्रिक टन थी, अब 55 मैट्रिक टन है. ऑक्सीजन बेड्स बड़ी संख्या में इजाफा किया गया है. सभी बेड्स पर सेंट्रल पाइपलाइन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. वेंटिलेटर, मॉनिटरिंग के एडवांस सिस्टम हमारे पास उपलब्ध है. दवाइयों की समूची व्यवस्था हमने की है. रेमडेसिवर का भी स्टॉक कर लिया गया है. मैनपावर के तहत डॉक्टर, नर्स की संख्या बढ़ाई गई है और विशेष ट्रेनिंग स्टाफ की दी है. 30 मैट्रिक टन के एलएमओ प्लांट्स नए लगाए हैं. पहले अस्पताल में ऑक्सीजन बाहर से आती थी, अब अस्पताल में ही ऑक्सीजन प्रोडक्शन संभव होगा.
एबीपी न्यूज की टीम ने उस वार्ड की भी जांच पड़ताल की जहां दावा किया जा रहा है कि नई तकनीक का इस्तेमाल कर आईसीयू बेड्स तैयार किया जा रहा है. बातचीत में अस्पताल के एमडी सुरेश बताते हैं कि वार्ड में सेंट्रल मॉनिटरिंग के लिए स्क्रीन प्रत्येक बेड पर लगाए गए हैं जिसमें पल्स , ऑक्सीजन की मात्रा इत्यादि डिस्प्ले होगा. फिलहाल कार्डियक मॉनिटरिंग की तैयारी है. यहां 25 बेड तीसरी लहर के लिए एडवांस बनाए गए हैं. इसके अलावा ओमिक्रोन के लिए अलग से 40 बेड्स तैयार किए हैं. उसके लिए अलग से टीम भी तैयार की जा रही है. कोरोना की दूसरी लहर में रही ऑक्सीजन की कमी अब नहीं रहेगी क्योंकि पहले अस्पताल में 5 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता थी, प्रतिदिन 55 मैट्रिक टन की क्षमता हमारे पास है.
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