Hunar Haat Delhi: देश की राजधानी में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जिसके चलते सरकार को पाबंदियां लगानी पड़ रही हैं. जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में चल रहे 35वें हुनर हाट मेले को समय से 5 दिन पहले ही समाप्त करने का फैसला लिया गया है. हुनर हाट मेला 5 जनवरी तक चलना था. मेले में भीड़ ना जुटे और कारोबारी घर सुरक्षित पहुंच जाएं इसलिए ये फैसला लिया गया. आम लोग सरकार के इस फैसले पर मिलीजुली प्रतिक्रया दे रहे हैं. कुछ लोग ठीक बता रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि नेताओं की रैलियों पर भी पाबंदियां लगनी चाहिए. उन्होंने पूछा कि रैलियों में क्या कोरोना नहीं है?


लोगों ने पूछा रैलियों को बंद क्यों नहीं करवाया जाता?


लोगों ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है. इसे 5 तारीख तक चलने देना चाहिए था. नेताओं की रैली में काफी भीड़ होती है. उसको क्यों नहीं बंद करवाया जाता. भीड़ तो पूरे हिंदुस्तान में है. मेले में सब ने मास्क लगाया है. इससे लोगों को रोजगार मिलता है. बच्चों का मनोरंजन भी होता है और सबसे बड़ी बात ये फ्री ऑफ कॉस्ट होता है. वहीं दूसरे लोगों ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रान के चलते बहुत कुछ बंद हो रहा है.


हुनर हाट के समय से पहले समापन पर अलग-अलग राय 


सरकार का ये फैसला सही है क्योंकि पिछली बार हमने झेला है और जब कोरोना फैलता है तो बहुत बुरी हालत होती है. हालांकि, उनका ये भी कहना है कि अगर सेफ्टी का ध्यान रखा जाए तो इसे बढ़ाया भी जा सकता है. यूपी के रामपुर से आए कारोबारी अकील ने बताया कि कोरोना के नए वेरिएंट का असर कारोबार पर ज्यादा पड़ा है. कोरोना के डर से कम ही लोग हुनर हाट में आए जिसकी मार व्यापारियों को झेलनी पड़ी. वैसे कारोबारियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत भी किया है. उन्होंने कहा कि फैसले से पब्लिक और कारोबारी दोनों का फायदा है. इन सबके बीच आम जनता का सवाल है कि सरकार खुद की रैलियों पर रोक कब लगाएगी.


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