Qutub Minar Row: कुतुब मीनार परिसर में पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर आज दिल्ली के साकेत कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार में हिंदू देवी देवताओं की कई मूर्तियां मौजूद हैं. अदालत में अर्जी दी गई है कि कुतुब मीनार के इस परिसर में हिंदू और जैन देवी-देवताओं की बहाली हो और पूजा करने का अधिकार मिले.
कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां होने का दावा
याचिका में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं. 27 हिंदू और जैन मंदिरों को ध्वस्त कर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनाई गई थी. परिसर में कई जगहों पर कलश, स्वास्तिक और कमल जैसे प्रतीक चिन्ह हैं. इस सब के बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने हलफनामा दाखिल कर याचिका को खारिज करने की मांग की है. कुतुब मीनार को लेकर जारी इस विवाद के बीच जानिए इससे जुड़ी सभी जानकारी.
कुतुब मीनार की क्या है खासियत
- देश की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है कुतुब मीनार
- कुतुब मीनार को भारत का सबसे ऊंचा पत्थरों का स्तंभ कहा जाता है.
- कुतुब मीनार कई अन्य स्मारकों से घिरा हुआ है और इस पूरे परिसर को कुतुब मीनार परिसर कहते हैं.
कुतुब मीनार कहां स्थित है
- कुतुब मीनार साउथ दिल्ली के महरौली में स्थित है.
- इसकी ऊंचाई करीब 238 फीट है
- कुतुब मीनार में 379 सीढ़िया हैं
- स्तंभ के शीर्ष का व्यास 9 फीट है
- स्तंभ के बेस का व्यास 46.9 फीट है
- कुतुब मीनार का निर्माण 1199 से 1220 के दौरान हुआ था
- 1993 में कुतुब मीनार को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिया गया था.
कुतुब मीनार का निर्माण किसने कराया?
कुतुब मीनार को बनाने की शुरुआत कुतुबुद्दीन ऐबक ने की थी और उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने पूरा कराया था. कुतुबुद्दीन ऐबक पृथ्वीराज चौहान को हराने वाले मोहम्मद गोरी का पसंदीदा गुलाम और सेनापति था. वह गोरी ऐबक को दिल्ली और अजमेर का शासन सौंपकर वापस लौट गया था. 1206 में गोरी की मौत के बाद ऐबक आजाद शासक बन गया और उसने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की.
कुतुब मीनार को कब-कब हुआ नुकसान व कब-कब कराई गई मरम्मत
- 14वीं और 15वीं सदी में कुतुब मीनार को बिजली गिरने और भूकंप की वजह से नुकसान पहुंचा था.
- पहले इसकी शीर्ष दो मंजिलों की फिरोज शाह तुगलक ने मरम्मत करवाई थी.
- 1505 में सिकंदर लोदी ने बड़े पैमाने पर इसकी मरम्मत कराई थी और इसकी ऊपरी दो मंजिलों का विस्तार किया था.
- 1803 में आए एक भूकंप से कुतुब मीनार को फिर नुकसान पहुंचा था.
- 1814 में इसके प्रभावित हिस्सों को ब्रिटिश-इंडियन आर्मी के मेजर रॉबर्ट स्मिथ ने रिपेयर कराया था.
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