Corona Third Wave: दिल्ली में कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. एक निजी अस्पताल द्वारा किए गए अध्ययन में बताता गया है कि वर्तमान में चल रही कोरोना की लहर के दौरान मरने वाले 60 फीसदी लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी या उन्हें केवल एक डोज लगी थी. 


मरने वालों के बारे में क्या कहा
दिल्ली में मैक्स हेल्थकेयर द्वारा कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एक अध्ययन हुआ है. जिसमें बताया गया है कि इस दौरान मरने वालों में ज्यादातर 70 साल से ज्यादा के थे. वे सभी पहले से गुर्दे की बीमारियों, हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी कई अन्य बीमारियों से ग्रसित थे. मैक्स के अधिकारिक बयान में बताया गया है कि दिसंबर हास्पिटल में अब तक 1,378 कोरोना के मरीज भर्ती हुए हैं. इनमें से 82 की मौत हुई है. मरने वालों में 60 फीसदी को वैक्सीन नहीं लगी थी या उन्हें वैक्सीन की केवल एक डोज लगी थी. हालांकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन भी कई बार ये बात कह चुके हैं कि मरने वालों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी है या फिर वे किसी अन्य बिमारी से भी ग्रस्त हैं. 


बच्चों को लेकर क्या बताया 
मैक्स हेल्थकेयर द्वारा कोरोना की तीनों लहर के दौरान हास्पिटल में भर्ती मरीजों, आईसीयू और आक्सीजन की जरुरत को लेकर अध्ययन किया गया है. अध्ययन में बताया गया है कि तीसरी लहर के दौरान 23.4 फीसदी मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पड़ी है. जबकि दूसरी लहर के दौरान 74 फीसदी और तीसरी लहर के दौरान 63 फीसदी मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पड़ी थी. अध्ययन के अनुसार मैक्स नेटवर्क के हास्पिटलों में कोरोना से संक्रमित 41 बच्चे भर्ती हुए हैं. हालांकि इस आयु वर्ग में किसी की मौत नहीं हुई है. वहीं सात बच्चों को आईसीयू और दो बच्चों को वेटिलेटर की जरूरत पड़ी है.


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