Delhi News: जब हम जूते खरीदने जाते हैं तो कई बार कुछ लोगों के पैरों के लिए सही साइज का जूता मिलने में काफी दिक्कत होती है. कई बार तो एक पैर का जूता छोटा और एक पैर का जूता बड़ा मिलता है, जिसे मजबूरन हमें खरीदना पड़ता है. यह सोच कर कि दोनों पैरों का कई बार अलग-अलग साइज हो जाता है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें बहुत मुश्किल से अपने पैरों के लिए सही साइज के जूते मिल पाते हैं. लेकिन आने वाले कुछ महीनों में यह दिक्कत खत्म हो सकती है क्योंकि भारत जूतों के साइज के लिए 'इंडियन फुटवेयर साइज सिस्टम' लेकर आ रहा है, जिसमें भारतीय लोगों के पैरों के सही साइज के जूते आसानी से मिल सकेंगे.


होगा खुद का फुटवियर साइज सिस्टम 
बच्चों से लेकर युवाओं महिलाओं और बुजुर्गों आदि सभी के पैरों का साइज सिस्टम 'इंडियन फुटवेयर साइज सिस्टम' में अपग्रेड होगा. जिससे आने वाले समय में जो परेशानियां लोगों को अब तक होती है वह नहीं होंगी. दरअसल अब तक भारत के पास जूते-चप्पल खरीदने के लिए जिस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है, वह यूके या फ्रेंड स्टैंडर्ड का है. यानी कि भारत के पास अपना फुटवियर साइज सिस्टम नहीं है, लेकिन जल्द ही भारत अपना इंडियन साइज सिस्टम लेकर आ रहा है, जिसमें जूते चप्पल खरीदने के लिए नए नंबर होंगे और लोगों को आसानी से अच्छी फिटिंग और हेल्दी फुटवियर के साइज मिल सकेंगे. 


जल्द होगा लॉन्च
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (CLRI) चेन्नई के साथ मिलकर देश का पहला इंडियन फुटवियर साइज सिस्टम बनाने का काम शुरू किया है, जिसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा, जिसके बाद भारतीयों के पास अपना खुद का इंडियन फुटवियर साइज सिस्टम होगा.


इसी कड़ी में केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान CLRI अलग-अलग आयु वर्ग के एक लाख से ज्यादा लोगों के फुटवेयर साइज को लेकर सर्वे कर चुका है यह सर्वे 2 दिसंबर 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 के बीच किया गया जिसमें पांच अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया, पहला 4 से 11 साल तक के बच्चे, 12 से 18 तक के लड़के और लड़कियां, 19 से 55 आयुवर्ग के पुरुष और महिलाएं शामिल हैं.


4-11 आयु वर्ग के बच्चे-   20274
12 से 18 आयु वर्ग के लड़के-    20542
12 से 18 आयु वर्ग की लड़कियां-    20865
19 से 55 आयु वर्ग के पुरुष- 20093
19 से 55 आयु वर्ग की महिलाएं- 20310


कुल 102084 लोगों को इस सर्वे में शामिल किया गया दिसंबर से लेकर मार्च 2022 तक इस आयु वर्ग के लोगों के पैरों के साइज लिए गए हैं


दरअसल इसका मकसद लोगों के लिए अच्छी फिटिंग और हेल्दी फुटवेयर बनाना है, जिससे कि अब तक लोगों को फुटवेयर खरीदने में जो दिक्कतें आती हैं वह ना आएं और लोगों के साइज के जूते आसानी से मिल सकें. इंडियन फुटवेयर साइज सिस्टम आ जाने के बाद सही साइज रेंज की पहचान आसानी से की जा सकेगी और फिर जूतों चप्पलों को इसी साइज सिस्टम के आधार पर बनाया जाएगा. 


अभी इस मानक का होता है इस्तेमाल
मौजूदा समय में फुटवेयर साइज के लिए भारतीय मानक IS 1638:1969 स्पेसिफिकेशन यूरोपीय और फ्रेंड्स सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन भारतीय लोगों के पैरों के साइज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए इसमें बदलाव की आवश्यकता है. इसीलिए देश अपना फुटवेयर साइज सिस्टम लेकर आ रहा है. जिससे बच्चे, बुजुर्ग, युवा, महिला हर किसी को आरामदायक साइज वाले जूते आसानी से मिल सके.


11 करोड़ के प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
इसके साथ ही डीपीआईआईटी ने इंडियन फुटवेयर साइज सिस्टम को बनाने के लिए करीब 11 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, जिसके अंतर्गत एंथ्रोपोमेट्रिक सर्वेक्षण, सांख्यिकीय विश्लेषण और एक भारतीय फुटवेयर साइज सिस्टम का विकास किया जाएगा. इसके अलावा फुट बायोमैकेनिक्स और चाल अध्ययन, सामग्री की पहचान, अंतिम निर्माण, डिजाइन पैटर्न और आराम मापदंडों का विकास, पहले के परीक्षण, विनिर्देश की पीढ़ी आदि चीजें शामिल है. यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत का ही हिस्सा है जिसके पूरा होने के बाद भारत के पास खुद का इंडियन फुटवेयर साइज सिस्टम होगा और हर एक जेंडर, आयु, वर्ग के लोगों के लिए सटीक फुटवेयर साइज आसानी से मिल सकेगा.


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