Kisan Mahapanchayat in Delhi : महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचने लगे हैं किसान, दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी
Farmer Protest : किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए किसान जंतर-मंतर पहुंचने लगे हैं. दिल्ली पुलिस ने राजधानी के बाहर से किसानों को आने के लिए इजाजत नहीं दी है.
Kisan Mahapanchayat: संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने सोमवार को नई दिल्ली (New Delhi) के जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर किसानों की महापंचायत बुलाई है.इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं.इस महापंचायत के आयोजन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है. पुलिस ने दिल्ली की तीन सीमाओं टिकरी, सिंधू और गाजीपुर में सुरक्षा बढ़ा दी है.
कहां-कहां से आ रहे हैं किसान
किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए किसान जंतर-मंतर पहुंचने लगे हैं. दिल्ली पुलिस ने राजधानी के बाहर से किसानों को आने के लिए इजाजत नहीं दी है.इस महापंचायत को देखते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर गाजीपुर सीमा के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है.यहां पर हर आने वाली गाड़ी की चेकिंग की जा रही है.दिल्ली पुलिस ने टिकरी सीमा पर पहले किसानों को दिल्ली में नहीं घुसने देने से रोकने की कोशिश की. वहां बैरिकेडिंग की गई थी और कई थानों की पुलिस को तैनात किया गया था. लेकिन बाद में सब हटा लिया गया.वहीं सिंघू बॉर्डर पर भी पुलिस ने किसानों को राजधानी में घुसने से रोकने की कोशिश की जा रही है. टिकरी सीमा से आए किसानों का कहना है कि वो एक दिन की पंचायत में हिस्सा लेने आए हैं और अगर दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो फिर अपना पक्का धरना सीमा पर शुरू कर देंगे.
किन मांगों पर हो रही है किसान महापंचायत
दिल्ली में महापंचायत से पहले किसानों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 75 घंटे का धरना दिया था. इस धरनें में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए थे. किसान लखीमपुर के तिकुनिया कांड के पीड़ित किसान परिवारों को न्याय दिलाना,जेलों में बंद किसानों की रिहाई कराना, तिकुनियां कांड के आरोपी आशीष मिश्र के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी और उनकी गिरफ्तारी,स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर न्यूनतम सर्मथन मूल्य की गारंटी को लेकर कानून,कर्जमाफी, 2022 बिजली बिल रद्द करने, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने और बकाया राशि का तुरंत भुगतान करने, मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लेने जैसी मांगों को लेकर यह महापंचायत बुलाई गई है.
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