Delhi Water Solution: दिल्ली में रोहिणी (Rohini) सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के पास कई झीलें (Lakes) बनाई जा रही हैं. यहां कुल 80 एकड़ भूमि पर झील (Lake) बनाई जा रही है. इसका मकसद मनोरंजन (Entertainment) के लिए टूरिस्ट स्पॉट (Tourist Spot) विकसित करना और साथ ही साथ गंदे पानी को ट्रीट कर उसे इस्तेमाल में लाना है. सरकार का एक अन्य मकसद झीलों के जरिये भूजल (Groundwater) स्तर को बढ़ाना भी है. रोहिणी एसटीपी से ट्रीट हुआ पानी पास बनी झीलों में डाला जाएगा. इससे ग्राउंड वाटर का स्तर बढ़ेगा और फिर ट्यूबेल से निकाल कर इसे इस्तेमाल किया जाएगा.


यहां रोहिणी में वाटर बॉडी के चारों तरफ करीब 14.5 एकड़ में लोगों के मनोरंजन के लिए टूरिस्ट स्पॉट भी विकसित किया जाएगा. साइट पर 6 पॉलिशिंग तालाबों और 2 रिचार्जिंग झीलों वाली 8 इकाइयां विकसित की जा रही हैं. इसे विकसित करने में करीब 64.82 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. रोहिणी झील दिल्ली में पुनर्जीवित होने वाली 23 झीलों में से एक है और इसे एक प्रमुख प्रोजेक्ट के रूप में भी नामित किया गया है. झीलों के कायाकल्प के लिए झील का सुंदरीकरण, भू-निर्माण और ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण किया जा रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार इस परियोजना (Project) का दौरा किया.


पर्यटन स्थल के रूप में विकसित की जाएगी रोहिणी झील


80 एकड़ भूमि पर बनाई जाए रही रोहिणी झील (Rohini Lake) को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का उद्देश्य है ताकि यह लोगों के मनोरंजन के लिए टूरिस्ट स्पॉट बन सके. यह प्रोजेक्ट फरवरी 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. इसे पूरा होने के एक महीने बाद पर्यटकों (Tourists) के लिए खोल दिया जाएगा. सरकार रोहिणी झील को खूबसूरत बनाने के लिए विशेषज्ञों की मदद भी ले रही है. झील को इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने. झील साल भर साफ पानी (Clear Water) से भरी रहेगी.


झील स्थल में प्राइमरी और सेकेंडरी, दो पैदल चलने के लिए पथ और 4.5 मीटर का एक जंगल का रास्ता भी होगा जो झील के बीच से होकर गुजरेगा. यहां लगे कई पेड़-पौधे न केवल पर्यटकों को इसकी सुंदरता के लिए आकर्षित करेंगे, बल्कि लोगों को प्रकृति के करीब आने का भी मौका मिलेगा. इसके साथ ही झील में कई विश्व स्तरीय सुविधाएं भी होंगी. जैसे पार्किंग स्पेस, कैफेटेरिया, चिल्ड्रन पार्क, एंट्रेंस प्लाजा, ग्रैंड स्टेप्ड प्लाजा आदि.


सीएम ने बताया पीने के पानी का मानक


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को बताया कि रोहिणी एसटीपी प्रतिदिन 15 एमजीडी सीवर वाटर ट्रीट करता है. 15 एमजीडी सीवर ट्रीट करने बाद जो पानी साफ होकर निकलता है. वो सारा पानी पहले यमुना नदी में डाल दिया जाता था. उस पानी का हम इस्तेमाल नहीं करते थे. तकनीकि भाषा में इसको 25 बटा 30 कहते हैं. पानी की जो गुणवत्ता है वो 25 बटा 30 है. जबकि पीने का पानी 3 बटा 3 के भी नीचे होना चाहिए. अब भी एसटीपी से ट्रीट होने वाले पानी में गंदगी बहुत ज्यादा है. लेकिन जितना भी सीवर साफ करते थे, उसको यमुना में डाल देते हैं और उसका कोई फायदा नहीं होता था.


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पानी साफ करने के लिए अपनाई गई है नई तकनीक


अब दिल्ली सरकार ने यह तय किया है कि 25 बटा 30 से और अच्छा साफ करें. यहां पर एक झील बनाई जा रही है. एसटीपी से ट्रीट करने के बाद पानी को इस झील में डाल दिया जाएगा. रोहिणी एसटीपी के 15 एमजीडी पानी को साफ करने के लिए नई तकनीक अपनाई गई है, जिसकी मदद से इसको 3 बटा 3 से भी ज्यादा साफ कर लिया जाएगा. अर्थात इस पानी को पीने योग्य बनाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य रोहिणी सेक्टर-25 में एसटीपी के परिसर के अंदर खाली जमीन पर एक नई वाटर बॉडी बनाकर भूजल स्तर में सुधार लाना है.


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