LG VK Saxena News: दिल्ली के नए उप राज्यपाल वीके सक्सेनानियुक्ति के बाद से लगातार एक्शन में नजर आ रहे हैं, उन्होंने पदभार ग्रहण करने के दौरान ही कहा था कि वह ग्राउंड पर ज्यादा नजर आएंगेऔर यही नजारा देखने को मिला जब वह रविवार को दिल्ली के गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर दौरा करने के लिए पहुंचे. यहां उन्होंने तमाम अधिकारियों के साथ दिल्ली में मौजूद तीनों बड़ी लैंडफिल साइट से पूरी तरीके से कचरा हटाए जाने को लेकर एक योजना बनाए जाने के  निर्देश दिए.

 

दिल्ली में तीन बड़ी लैंडफिल साइट हैं

दिल्ली में तीन बड़ी लैंडफिल साइट हैं, जिसमें गाजीपुर, भलस्वा और ओखला शामिल है यह तीनों जगह आज दिल्ली में बड़े कूड़े के पहाड़ का रूप ले चुके हैं. इन्हीं लैंडफिल साइट्स को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन तीनों कूड़े के पहाड़ों को पूरी तरीके से खत्म किए जाने की योजना बनाई जाए. इस दौरान उन्होंने इस कार्य को पूरा करने के लिए एक निश्चित समय सीमा तय करने को भी कहा है. उनका कहना है कि इस पूरी योजना के लिए अधिकारियों की एक समर्पित टीम का गठन किया जाए.

 

 LG ने रिजर्व इंजीनियरिंग मॉडल अपनाने का दिया सुझाव
  

दिल्ली के तीन बड़े कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए उपराज्यपाल ने रिजर्व इंजीनियरिंग मॉडल अपनाने का भी अधिकारियों को सुझाव दिया है ताकि सुनिश्चित समय के अंदर इस कार्य को पूरा किया जा सके और दिल्ली से तीनों कूड़े के पहाड़ों को हटाया जा सके. बता दें कि दिल्ली में मौजूद इन तीनों कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए एक अधिकारियों की टीम गठित की जाएगी, जो कि इस पूरी योजना को लेकर कार्य करेगी. इसके साथ ही उपराज्यपाल द्वारा भी इस योजना पर निगरानी रखी जाएगी. इसके लिए एलजी सचिवालय में एक विशेष प्रकोष्ठ भी लगाया जाएगा. इसके अलावा उपराज्यपाल ने गाज़ीपुर लैंडफिल साइट का दौरा करने के दौरान कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो वह हर हफ्ते अलग-अलग लैंडफिल साइट का दौरा करेंगे जिससे कि वास्तविक रिपोर्ट उन तक पहुंच सके.

 

अधिरकारियों ने कूड़े के पहाड़ पर चढ़कर लिया स्थिति का जायजा

उपराज्यपाल के साथ इस दौरान मुख्य सचिव, विशेष अधिकारी, एमसीडी आयुक्त, एमपीडी पीआर समेत मुख्य वन संरक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान अधिकारी गाज़ीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े के पहाड़ के टीले के ऊपर गए और भीषण गर्मी में करीब 2 घंटे तक साइट पर अलग-अलग गतिविधियों का निरीक्षण किया. अधिकारियों ने देखा कि पूरे के पहाड़ के टीले पर की जा रही पुनर्चक्रण गतिविधियों से धूल पैदा हो रही है जो आसपास के क्षेत्रों में धुंध और प्रदूषण को बढ़ा रही है जिसके लिए उन्होंने पानी के छिड़काव के आदेश दिए.

 

गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर 140 लाख मीट्रिक टन कचरा है

जानकारी के मुताबिक 70 एकड़ में फैले गाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर 140 लाख मीट्रिक टन कचरा है और रोजाना यहां पर पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से 2600 मीट्रिक टन कचरा आता है. उत्तरी दिल्ली के भलस्वा लैंडफील साइट पर 80 लाख मीट्रिक टन और दक्षिण दिल्ली स्थित ओखला लैंडफिल साइट पर 50 लाख मीट्रिक टन कूड़ा है. इन तीनों कूड़े के पहाड़ों पर तीन श्रेणियों में कचरा है, जिसमें की रिफ्यूज्ड व्युत्पन्न इंधन (आरडीएफ), निर्माण और विध्वंस (सी.एन.डी) और निष्क्रिय अपशिष्ट हैं. 

 

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