Food Poisoning: गर्मियों में अगर आप भी करते हैं ये काम तो हो जाएं सावधान! हो सकती है फूड पॉइजनिंग की समस्या
डॉक्टर्स के मुताबिक जब खाने में बैक्टीरिया वायरस या फंगस पनपने लगते हैं और कोई वैसा खाना खा लेता है उसके बाद अगर उल्टी, दस्त बुखार और पेट में दर्द जैसी परेशानी होने लगती हैं.
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Food Poisoning Prevention: गर्मी शुरू होने के साथ ही कई तरह की समस्याएं लोगों के बीच घर कर लेती हैं. कई लोगों को स्किन से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं तो वहीं इस बीच फूड पॉइजनिंग की समस्या भी काफी आम हो जाती है. दरअसल गर्मी में खाना जल्दी खराब हो जाता है और अगर इस तरह के खाने को खा लिया जाए तो फूड पॉइजन की समस्या हो सकती है.
डॉक्टर्स के मुताबिक जब खाने में बैक्टीरिया वायरस या फंगस पनपने लगते हैं और कोई वैसा खाना खा लेता है उसके बाद अगर उल्टी, दस्त बुखार और पेट में दर्द जैसी परेशानी होने लगती हैं. उस परेशानी को ही फूड पॉइजनिंग कहा जाता है. वहीं सर्दियों की तुलना में यह गर्मियों में ज्यादा होती है. इसलिए इस मौसम में जरूरी है कि लोग अपने खाने-पीने का खास ध्यान रखें और खाने से पहले सावधानी जरूर बरतें.
क्यों होती है फूड पॉइजनिंग
दिल्ली के मौलाना आजाद अस्पताल के डॉक्टर गिरीश त्यागी के मुताबिक गर्मियों की समस्या काफी आम होती है, क्योंकि गर्मियों के मौसम में किसी भी खाने में बैक्टीरिया और वायरस या फंगस जल्दी बढ़ने लगते हैं. इस वजह से खाना खराब होता है. ऐसे में घर पर तो लोग फिर भी सावधानी भरत लेते हैं लेकिन इसमें अगर बाहर का खाना खाया जाए तो नुकसान पहुंचा सकता है. क्योंकि वहां पर खाने में हाइजीन मेंटेन नहीं किया जाता है. इस वजह से खाने के जरिए शरीर में चले जाते हैं और वह फूड पॉइजनिंग का कारण बन जाते हैं.
क्या होते है इसके लक्षण?
फूड पॉइजनिंग के लक्षणों की बात की जाए तो इसमें थकान, पसीना आना, घबराहट होना, इसके बाद लो ब्लड प्रेशर के साथ दस्त, उल्टी, बुखार और पेट में दर्द जैसी परेशानी होती हैं. अगर इसका समय पर उपचार नहीं किया जाए तो यह बाद में शरीर को डीहाइड्रेट कर देती हैं और कई बार अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ सकती है.
फूड पॉइजनिंग में कब जाएं अस्पताल?
डॉक्टर गिरीश के मुताबिक फूड पॉइजनिंग को घर में भी ठीक किया जा सकता है, बशर्ते उसकी स्थिति गंभीर ना हो. उन्होंने बताया कि कई बार लोगों को इसके माइल्ड सिम्टम्स होते हैं, जिसमें हाइड्रेशन को ठीक कर के और सही ढंग से खाना खाकर भी मरीज ठीक हो सकता है. वहीं अगर इसके सिम्टम्स ज्यादा बढ़ गए हैं और उल्टी आना और दस्त ठीक नहीं हो रहा है तो उसके बाद मरीज को अस्पताल ले जाया जाना चाहिए, जहां पर ग्लूकोस चढ़ा कर मरीज के हाइड्रेशन को ठीक किया जाता है.
फूड पॉइजनिंग से कैसे बचें?
फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए लोगों को ताजा खाना खाना चाहिए. इसके साथ ही बर्तनों को भी साफ रखना चाहिए. घर में अगर खाना बच जाए तो उसे टाइट स्टोर डब्बे में ही रखें. कोशिश करें की खाने को बासी करके ना खाएं. गर्मियों के मौसम में खास तौर पर बाहर का खाना खाने से बचें. खाना खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोने चाहिए और जो सबसे महत्वपूर्ण चीज है वह है हाइड्रेशन. इसलिए गर्मी के मौसम नहीं है ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए और ताजे फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए.
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