MCD Dog News: देश की राजधानी के आवारा कुत्ते दिल्ली नगर निगम की अहम चुनौतियों में से एक है. साल 2022 के सितंबर माह तक शहर में कुत्तों के काटने के 13000 से अधिक मामले सामने चुके हैं. यानि आवारा कुत्तों पर नियंत्रण एमसीडी की अहम समस्याओं में से एक है. इस दिशा में जारी मुहिम के मुताबिक साल के अंत तक एमसीडी 80 हजार कुत्तों की नसबंदी का काम पूरा कर लेगा. 


दिल्ली नगर निगम साल के अंत तक 80,000 आवारा कुत्तों की नसबंदी करने का दिल्ली नगर निगम का लक्ष्य है. निगम के अधिकारियों का कहना है कि 2016 की पिछली जनगणना के मुताबिक पूर्ववर्ती दक्षिण निगम के चार क्षेत्रों में 189285 आवारा कुत्तों की अनुमानित आबादी है. इस साल सितंबर तक शहर में कुत्तों के काटने के 13 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. 


MCD में कुत्तों के 17 नसबंदी केंद्र संचालित


एमसीडी द्वारा कुत्तों के 17 नसबंदी केंद्र संचालित हैं. दिल्ली नगर निगम के पास हर माह लगभग 9000 कुत्तों की नसबंदी करने की क्षमता है. आवारा कुत्तों की 80 फीसदी आबादी को स्टरलाइज करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एमसीडी ने और केंद्र शुरू करने जा रही है.


बता दें कि आवारा कुत्तों की समस्या को देखते हुए पशु जन्म नियंत्रण (कुत्ते) नियम 2001 को 2010 में संशोधित किया गया था. संशोधित अधिनियम में इस बात का प्रावधान है कि कुत्तों को नियंत्रित करने का काम स्थानीय निकायों द्वारा उठाया जाना चाहिए. एमसीडी को उनकी नसबंदी करनी चाहिए और उसी क्षेत्र में छोड़ा जाना चाहिए, जहां से उन्हें पकड़ा जाता है. निगम के अधिकारियों की मानें तो पालतू जानवरों के रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होने के बावजूद आम लोगों का रिस्पांस अच्छा नहीं है. यानि लोग कुत्ते पाल तो रहे हैं, लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया चाहते हैं. 


जागरूकता कार्यक्रम से लोगों को दे रहे जानकारी


7 दिसंबर 2022 तक 2501 पालतू जानवरों को निगम के साथ पंजीकृत किया गया है. यानि लोगों का रिस्पांस अपेक्षा के अनुरूप बहुत कम है. इसलिए एमसीडी ने उन डॉग मालिकों पर भी मुकदमा चलाने का फैसला लिया जिनके बारे में किसी की शिकायत उनतक पहुंचेगी. एमसीडी के एक अधिकारी के मुताबिक हम विशेष शिविर और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके जनता को इस मुहिम में सहभागी बनाना चाहते हैं. ताकि दैनिक आधार पर कुत्तों के काटने के मामले एमसीडी तक सामने आये. 


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