Delhi AIIMS News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नर्स यूनियन द्वारा चल रहे धरना प्रदर्शन के बाद अब एम्स प्रशासन की तरफ से चेतावनी दी गई है. इसमें कहा गया है कि स्टाफ का कोई भी कर्मचारी या फेकल्टी मेंबर किसी भी कारण से काम बंद नहीं करेगा या काम में बाधा नहीं डालेगा. परिसर में लाउडस्पीकरों का प्रयोग नहीं या नारेबाजी, प्रदर्शन धरना नहीं होगा.
नर्स यूनियन ने शुरू की हड़ताल
दरअसल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की नर्स यूनियन के अध्यक्ष हरीश काजला को अस्पताल प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया गया, जिसके बाद अब उनके निलंबन का विरोध करते हुए मंगलवार को नर्स यूनियन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी. 22 अप्रैल को ओटी मरीज की सेवा बाधित होने के मामले पर कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रशासन ने सोमवार रात नर्सिंग अधिकारी हरीश कुमार काजला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था.
निलंबन को लेकर लिखा पत्र
काजला के निलंबन को रद्द करने और यूनियन के सदस्यों के खिलाफ सभी प्रकार की जवाबी कार्रवाई को रोकने की मांग की जा रही है. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को लिखे पत्र में नर्स यूनियन ने कहा, एम्स नर्स यूनियन के अध्यक्ष हरीश काजला को बिना उचित कारण बताए निलंबित करने के आपके एकतरफा फैसले के जवाब में, यूनियन ने एक आपातकालीन कार्यकारी बैठक बुलाई है और तत्काल मांग करते हुए आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. हमारी मांग है कि हरीश कुमार काजला के निलंबन को रद्द कर दिया जाए. साथ ही यूनियन के अधिकारियों और मुख्य ओटी के यूनियन सदस्यों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई न की जाए.
इसलिए हुई कार्रवाई
एक बयान में, यूनियन ने कहा, इस पूरे मुद्दे पर अपनी बात कहने और राय रखने के लिए हमें न तो बुलाया गया और न ही हमसे संपर्क किया गया. जिसके कारण हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुए. मामले को लेकर एम्स आरडीए ने कहा कि काजला का निलंबन उनके दुर्व्यवहार और एक रेजिडेंट डॉक्टर के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल करने को लेकर की गई कार्रवाई है. जो कोई भी इस मामले को राजनीतिक लाभ के लिए मोड़ रहा है, ध्यान रखें कि आरडीए, एम्स हमेशा अपने स्टाफ के स्वाभिमान के लिए लड़ता आया है.
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