उत्तर रेलवे ने कबाड़ बेचकर अर्जित किया करोड़ों का राजस्व, 1 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा स्क्रैप का किया निपटारा
उत्तर रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्क्रैप निपटान से 624.36 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित कर भारतीय रेलवे में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है.
Delhi News: उत्तर रेलवे ने 624.36 करोड़ रुपए का राजस्व इकट्ठा किया है और यह राजस्व रेलवे ट्रैक, रेलगाड़ियों के डिब्बे, पानी की टंकी आदि से निकलने वाले कबाड़ की बिक्री के बाद एकत्रित किया गया है. इस राजस्व अर्जित के साथ रेलवे ने एक नया रिकॉर्ड भी कायम किया है क्योंकि हर साल कबाड़ की बिक्री से 600 करोड़ रुपए का राजस्व रेलवे द्वारा अर्जित किया जाता था, लेकिन इस बार 40 फीसदी अधिक कबाड़ को बेच कर राजस्व इकट्ठा हुआ है.
किया 624.36 करोड़ का राजस्व हासिल
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गगन ने बताया कि उत्तर रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्क्रैप निपटान से 624.36 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित कर भारतीय रेलवे में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, क्योंकि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2018-19 में 536.99 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया गया था, लेकिन इस बार इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए बेकार पड़े स्क्रैप की बिक्री से भारतीय रेलवे के एक जोनल रेलवे ने 624.36 करोड़ का राजस्व इकट्ठा किया है. इस आंकड़े को पार कर भारतीय रेलवे में उत्तर रेलवे एकमात्र ऐसा जोनल रेलवे बन गया है.
स्क्रैप निपटान के साथ-साथ होती है सफाई
भारतीय रेलवे में स्क्रैप का निपटान एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिससे कि रेलवे राजस्व एकत्रित करने के साथ-साथ रेलवे के अलग-अलग कार्य परिसरों को साफ सथरा रखने में काम करती है. इसके अंतर्गत रेलपथों के किनारे पड़े पटरियों के टुकड़े, स्लीपर, टाईबार आदि को हटाया जाता है, क्योंकि इनकी मौजूदगी से ना केवल सुरक्षा संबंधित चुनौतियां आती हैं, बल्कि देखने में भी साफ सुथरा नहीं लगता.
ये होते हैं स्क्रैप में शामिल
इसके साथ ही इस स्क्रैप निपटान में ऐसी चीजों को भी बाहर निकाला जाता है, जिसमें की रेलवे के कई ऐसे ढांचे हैं जो इस्तेमाल से बाहर कर दिए गए हैं. इसके अलावा स्टाफ क्वार्टर, कैबिन, शेड, पानी की टंकियां आदि इन सब चीजों को भी हटाया जाता है जिसकी बिक्री से राजस्व अर्जित करने में भी मदद मिलती है. साथ ही शरारती तत्वों द्वारा पुराने धातु के दुरुपयोग की संभावनाओं को भी खत्म किया जाता है, इनकी बिक्री से इन्हें अन्य जरूरी और बेहतर इस्तेमाल में काम लाया जाता है.
ऑनलाइन हुईं थी नीलामी
उत्तर रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष के दौरान आठ जगहों से 952 नीलामियां की गई थी और यह नीलामी ऑनलाइन माध्यम से हुई थी, जिसमें कि उत्तर रेलवे ने एक लाख मीट्रिक टन से ज्यादा लोहे के स्क्रैप का निपटान किया. इसमें 70 हजार मीट्रिक टन का रेल स्क्रैप, 850 मीट्रिक टन अलौह स्क्रैप, 1930 मीट्रिक टन लीड एसिड बैट्री, 201 मीट्रिक टन से अधिक ई-कचरा, 250 मीट्रिक टन से अधिक सेवा से हटाए गए रोलिंग स्टॉक, इसके अलावा रेल मार्गो के किनारे पड़े 1.55 लाख कंक्रीट स्लीपर भी शामिल है.
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