Jammers Will Be Installed In The High Risk Ward Of Tihar Jail: तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर हुई पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं. लोग यही पूछ रहे है कि इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी अपराधी कैसे जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने में कामयाब हो रहे हैं.


हाई रिस्क वार्ड में लगाए जाएंगे जैमर
सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवालों पर विराम लगाने के लिए अब तिहाड़ जेल प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. जेल में कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल न कर पाएं इसके लिए जेल प्रशासन ने  जेल के वार्ड में भी जैमर लागने का निर्णय लिया है. ये जैमर जेल के हाई रिस्क वार्ड में लगाए जाएंगे. इससे इन वार्डों में बंद कुख्यात कैदी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से अब इन कैदियों पर लगाम लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि वार्ड में जैमर लगाने का काम तेजी से चल रहा है.


पूरे तिहाड़ में केवल 3 जैमर
भारत की सबसे बड़ी जेल में फिलहाल मोबाइल कनेक्टिविटी को बंद करने के लिए महज 3 कॉल जैमिंग टावर लगे हैं. लेकिन ये जैमर मोबाइल कनेक्टिविटी को बंद करने में नाकामयाब साबित हो रहे हैं.


जैमर नहीं साठगांठ पर लगानी होगी लगाम


इसके पीछे कई कारण है. पहला और सबसे मुख्य कारण ये है कि कैदी जेल प्रशासन से साठगांठ कर कुछ समय के लिए जैमर के तार काट देते है, जिससे जैमर काम करना बंद कर देता है. इसके अलावा जेल प्रशासन की मिलीभगत से वो उस लोकेशन को भी पता कर लेते हैं जहां जैमर का असर नहीं होता. हालांकि जेल प्रशासन खुले तौर पर इस बात को नहीं स्वीकारता लेकिन सच्चाई यही है. सारी बात का निचोड़ यही है कि जब तक जेल प्रशासन से कैदियों की साठगांठ नहीं रुकेगी तब तक कोई जैमर या कोई भी सुरक्षा के उपकरण लगाने का कोई मतलब नहीं है.


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