Dam Safety: केंद्र ने कहा- केवल 10 राज्यों ने किया बांध सुरक्षा समितियों का गठन, 30 जून है आखिरी तारीख
Delhi News: बांध सुरक्षा समितियों का गठन 30 जून तक किया जाना है. सभी राज्यों से जल्द से जल्द बांध सुरक्षा को लेकर संसद के अधिनियम को लागू करने की अपील की गई है.
Committees For Dam Safety: जलशक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार (16 जून) को कहा कि सिर्फ 10 राज्यों ने राज्य बांध सुरक्षा समिति (SDDS) का गठन किया है जबकि छह राज्यों ने राज्य बांध सुरक्षा संगठन (SDSO) का गठन किया है. बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 के तहत दो निकायों- एससीडीएस और एसडीएसओ का गठन अनिवार्य है. इस अधिनियम को संसद ने दिसंबर 2021 में मंजूरी दी थी.
मंत्रालय में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के संयुक्त सचिव संजय अवस्थी (Sanjay Awasthi) ने 'भारत में बांध सुरक्षा शासन के लिए बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 (Dam Safety Act 2021)' पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला (One Day National Workshop) में स्थिति की जानकारी साझा की, जिसमें विभिन्न लोगों ने भाग लिया. केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारी, राज्य सरकार के मंत्री और अधिकारी समेत सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिनिधि बांधों की देखरेख करते हैं.
'समय कम है, जल्द से जल्द समितियां बनाकर अधिनियम को पूरी तरह लागू करें'
बांध सुरक्षा समितियों का गठन 30 जून तक किया जाना है. उन्होंने अपील की, "समय इतना कम है, हम सभी राज्यों से अपील करते हैं कि वे जल्द से जल्द अपनी-अपनी समितियां बनाकर अधिनियम को पूरी तरह लागू करें." बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 विभिन्न दंडात्मक उपायों का प्रावधान करता है, इसे लेकर उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है, हमें इसके किसी भी प्रावधान को लागू करने की जरूरत नहीं है." यह भी कहा गया कि केंद्र राष्ट्रीय बांध सुरक्षा समिति (NCDS) का गठन करेगा.
असंख्य छोटे बांध बने परेशानी
अंतर्राष्ट्रीय सिंचाई और जल निकासी आयोग (ICID) के महासचिव और केंद्रीय जल आयोग के पूर्व अध्यक्ष एबी पांड्या ने तकनीकी सत्र में अपनी प्रस्तुति के दौरान कहा, "हम सभी बड़े बांधों और उनकी सुरक्षा के बारे में बात करते हैं लेकिन असंख्य छोटे बांध हैं जो न केवल मानव जीवन के लिए, बल्कि संपत्ति के लिए भी खतरा पैदा करते हैं."
इससे पहले, उद्घाटन सत्र में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने कहा, "हमारी जल क्षमता दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में बहुत कम है. पानी की मांग में तेजी से वृद्धि की तुलना में नए बांधों की संभावनाएं बहुत कम हैं. इसलिए हमें मौजूदा बांधों के उचित उपयोग और बेहतर प्रबंधन पर काम करने की जरूरत है."
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शेखावत ने बांधों और जलाशयों में गाद का मुद्दा भी उठाया
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "5,300 से अधिक बांधों में से कई 25 वर्ष से अधिक पुराने हैं और लगभग 300 बांध 100 वर्ष से अधिक पुराने हैं. इन बांधों में गाद का जमा होना एक बड़ी समस्या है." शेखावत ने कहा, "हम कितने नए बांध बना सकते हैं इसकी एक सीमा है. हम मौजूदा साइट पर एक और बांध नहीं बना सकते हैं. पानी की मांग का अनुपात केवल अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ ही बढ़ेगा. इसलिए मौजूदा परिसंपत्तियों की देखभाल करना अधिक महत्वपूर्ण है."
भारत में पांच हजार से ज्यादा बड़े बांध
मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, भारत में 5,334 बड़े बांध हैं जबकि अन्य 411 बड़े बांध निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं. महाराष्ट्र 2,394 बांधों के साथ आगे है जबकि मध्य प्रदेश और गुजरात बांधों की संख्या के मामले में दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. लगभग 80 प्रतिशत बड़े बांध 25 वर्ष से अधिक पुराने हैं और 227 से ज्यादा बांध ऐसे हैं जो 100 वर्ष से भी पुराने हैं. भारत के बांध सालाना लगभग 257 अरब क्यूबिक मीटर (BCM) पानी जमा करते हैं.
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