Delhi News: 'बिजली का बिल हाफ और पानी माफ' के वादे पर जिस दिल्ली की सत्ता पर लोगों ने केजरीवाल को बिठाया था, आज वो लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. केजरीवाल सरकार के दावे आज खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. लोगों को मुफ्त पानी के नाम पर गंदा पानी पीना पड़ रहा है तो वही बिजली बिल माफ के बदले आ रहा है हजारों में बिल.
ऐसा एक या दो नहीं बल्कि कई लोगों के साथ ऐसा हुआ है. वो भी झुग्गियों में रहने वाले लोगों के साथ, जो बिजली उपयोग के नाम पर एक पंखा और एक लाईट का ही इस्तेमाल करते हैं. भाड़ी बिल आने से झुग्गियों में रहने वाले के लोग परेशान हैं. ऐसा माना जाता है कि झुग्गी में रहने वाले लोग किसी भी चुनाव में आम आदमी पार्टी को बढ़-चढ़कर वोट देते हैं, जिसका कारण यह है कि उन्हें बिजली और पानी का पैसा नहीं देना पड़ता.
लेकिन जो कहानी हम आपको सुनाने वाले हैं उसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. एक झुग्गी में रहने वाले व्यक्ति के घर का चंद महीने का बिल 34 हजार से ज्यादा का आया है. बिजली का हजारों रुपये का बिल सिर्फ एक झुग्गी में रहने वाले को नहीं, बल्कि कई घर ऐसे हैं जिनके बिजली के बिल काफी ज्यादा आ रहे हैं.
आखिर कितनी खपत कर दी बिजली
झुग्गियों में रहने वाले ओमी नाम के एक शख्स ने बताया कि मार्च 2022 में उनका बिजली का बिल शून्य आया था. नवंबर महीने का उनका बिल 34650 रुपये आया है. अब यह बिल निश्चित ही हैरान कर देने वाला है कि महज चंद महीने में आखिर छोटे से झुग्गी में रहने वाले व्यक्ति ने घर में कितनी बिजली खपत कर दी होगी, जो बिजली का बिल हजारों रुपए में आ गया.
ओमी धौला कुआं की झुग्गी में अपने परिवार के साथ रहते हैं. झुग्गी का जब हमने जायजा लिया तो देखा की इनके घर में एकमात्र ट्यूबलाइट और पंखा लगा है. ऐसे में महज थोड़ी सी बिजली की खपत में हजारों रुपए का बिल कैसे आ गया? यह सोचने वाली बात है. ओमी का कहना है कि वह 300 रुपये दिहाड़ी करके अपने परिवार का पेट पालता है. ऐसे मे अगर उसे बिजली विभाग की तरफ से राहत नहीं दी गई तो वो इतनी बड़ी रकम की भरपाई करने की स्थिति के बिल्कुल भी नहीं है.
घर में खड़े होने की भी जगह नहीं, बिजली बिल 10 हजार से ज्यादा
धौला कुआं के कैंप में हजारों रुपए के बिजली का बिल सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं है. एक महिला, जिसकी झुग्गी में खड़े होने की जगह भी नहीं है, बिजली विभाग ने तो इसके मीटर को ही उखाड़ लिया है. जब हमने उस महिला की आपबीती सुनी तो घोर अचरज हुआ. उसने बताया कि उसके बिजली का बिल 10 हजार रुपए से ज्यादा का आ गया है. जबकि उस महिला के घर में बस एक बल्ब जलती थी. ऐसे में वह महिला और उसके जैसे न जाने कितने लोग बिजली विभाग की लापरवाही के चलते अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.
न तो बिजली बिल हाफ है और न ही पानी माफ
बात करें कैम्प में पीने के पानी की सप्लाई की तो, पानी की सप्लाई बिल्कुल ही नहीं की जा रही है. यहां के लोग झुग्गी से दूर एक गड्ढे से निकाल कर गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. इतना हीं नहीं वहां महिलाओं के लिए शौचालय तक नहीं है. बात बिजली की करें तो धौला कुआं कैंप के लिए बीएसईएस ने स्पेशल ट्रांसफार्मर लगा तो दिया है, लेकिन उसके नाम पर इन गरीब लोगों से हजारों रुपए की उगाही की जा रही है.
अगर जल्दी ही बीएसईएस और दिल्ली सरकार के लोगों के इस पूरे मामले पर गौर नहीं किया तो वहां के झुग्गी वालों की परेशानी काफी बढ़ जाएगी. क्योंकि इस कैंप में न तो बिजली बिल हाफ है और न ही पानी माफ है. शौचालय भी नहीं है.