राजधानी दिल्ली में अपराधों पर लगाम लगाने और आम लोगों और पुलिस के बीच में एक सामुदायिक रिश्ता कायम करने के लिए दिल्ली पुलिस ने 'सामुदायिक पुलिसिंग' के नाम से एक पहल की है. यह अपराध से निपटने में पुलिस और आम नागरिकों के बीच साझेदारी बनाने का एक प्रयास है. यह प्रभावी और कुशल अपराध नियंत्रण प्राप्त करने, अपराध के डर को कम करने और सामुदायिक संसाधनों पर सक्रिय निर्भरता के माध्यम से पुलिस सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से एक रणनीति है. यह अपराध पैदा करने वाली स्थितियों को बदलने की कोशिश करती है. सामुदायिक पुलिसिंग का केंद्रीय लक्ष्य पुलिस के लिए समुदाय के साथ संबंध बनाना है. इसमें स्थानीय एजेंसियों के माध्यम से सामाजिक अव्यवस्था को कम करना शामिल है.
दिल्ली पुलिस का उद्देश्य क्या है?
इसी कड़ी में दक्षिण पूर्वी जिले की डीसीपी ईशा पांडे के निर्देश पर सराय काले खां क्षेत्र में कम्युनिटी पुलिसिंग को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें गरीब तबके के तमाम लोग और बच्चे शामिल हुए. इन लोगों से पुलिस ने सीधे बातचीत की और आम लोगों की तरह ही इनसे मिले जिससे कि इन लोगों के मन में पुलिस को लेकर बना हुआ डर खत्म हो. उनको यह समझाने की कोशिश की गई कि पुलिस भी आम लोगों की तरह ही उनकी मदद के लिए है. जिससे कि समाज में पुलिस को लेकर डर खत्म हो और लोग अपनी समस्याओं को निडर होकर पुलिस को बता सकें. इसके साथ ही आसपास इलाकों में होने वाली आपराधिक घटनाओं में पुलिस के साथ सहयोग करें.
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यह कार्यक्रम सनलाइट कॉलोनी थाना और सराय काले खां थाने की संयुक्त प्रयासों से आयोजित किया गया. इसमें सनलाइट कॉलोनी के एसएचओ विजय सांगवान, लाजपत नगर एसीपी जय नारायण भारद्वाज, सराय काले खां चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर विष्णु दत्त समेत तमाम पुलिसकर्मी मौजूद थे. कार्यक्रम में स्लम बस्ती के बच्चों और उनके माता-पिता को पुलिस द्वारा सम्मानित किया गया. पुलिस ने उनकी बातों को सुना. पुलिस ने लोगों को जागरूक किया और उन्हें मिठाइयां और कपड़े आदि भी वितरित किए.