Delhi News: बसंत पंचमी की सरस्वती पूजा (Saraswati Puja) छात्रों और शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार होता है. इस दिन पठन-पाठन से जुड़े विद्यार्थी और शिक्षक पूरे उत्साह और भक्ति के साथ माता सरस्वती की मूर्ति-प्रतिमा की पूजा करते हैं. लेकिन राजधानी दिल्ली के एक स्कूल में सरस्वती माता की मूर्ति पूजा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने मूर्ति पूजा करने वाली शिक्षिका को निलंबित (Suspended) कर दिया है.
पूजा करने पर संगीत शिक्षिका निलंबित
मामला दक्षिणी दिल्ली के दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGPC) गुरु हर किशन पब्लिक स्कूल (GHKPS) का है, जहां स्कूल में मूर्ति पूजा करने के कारण स्कूल प्रशासन ने वहां की संगीत शिक्षिका को निलंबित कर दिया, साथ ही उन्हें शोकॉज नोटिस भी जारी किया गया है. दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने बताया कि सिखों में मूर्ति पूजा की इजाजत नहीं है. शिक्षिका ने सरस्वती पूजा के लिए ना तो मैनेजमेंट से और न ही स्कूल प्रिंसिपल से इसकी इजाजत ली थी. उन्होंने बताया कि शिक्षिका से जब स्कूल प्रिंसिपल ने शोकॉज नोटिस देकर इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह काफी वर्षों से मूर्ति पूजा करती आ रही हैं.
DSGPC द्वारा संचालित स्कूलों में मूर्ति पूजा की परंपरा नहीं
यह स्कूल दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGPC) द्वारा संचालित होता है. कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हरविंदर सिंह सरना, जग आसरा गुरु ओट के महासचिव परमिंदर पाल सिंह सहित अन्य सिख नेताओं ने स्कूल में सरस्वती पूजा आयोजित करने का विरोध किया है. सरना का कहना है कमेटी द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों में मूर्ति पूजा की परंपरा नहीं है.
जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी के गठन
बताया जा रहा है कि स्कूल का संचालन संगत के पैसों से होता है. संगत से मिली राशि को सिखी और गुरुओं की वाणी के प्रचार पर खर्च किया जाना चाहिए. हरमीत सिंह कालका ने कहा कि सरस्वती पूजा का आयोजन शिक्षिका ने अपने स्तर पर किया था. इसलिए दिल्ली कमेटी ने इस संबंध में एक तीन सदस्यीय कमेटी के गठन किया है, जिसकी रिपोर्ट के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी.