दिल्ली के द्वारका में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर से हो रहा था ये गोरखधंधा, ऐसे कसा शातिर ठगों पर शिकंजा
Delhi News: पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों अभी तक 50 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. ये अपने कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए एक ऐप और ऑनलाइन पोर्टल की मदद लेते थे.
Delhi Crime News: दिल्ली के उत्तरी जिला के बुराड़ी थाना पुलिस टीम ने एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने में कमायाबी पाई है, जो मशहूर बीमा कंपनी का नाम इस्तेमाल कर सस्ती बीमा का झांसा देकर लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. खास बात यह है कि, ये ठग सिर्फ कार मालिकों को अपना निशाना बनाते थे.
इस मामले में पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनकी पहचान, निहाल खान (27) और दीपू (22) के रूप में हुई है. ये दोनों कुतुब विहार इलाके के रहने वाले हैं. वहीं, पुलिस ने कॉल सेंटर में काम करने वाली 10 लड़कियों को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर इन्वेस्टिगेशन जॉइन करने के लिए नोटिस दिया है.
डीसीपी राजा बांठिया के मुताबिक, आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल 18 मोबाइल, दो लैपटॉप, एटीएम कार्ड के साथ दिल्ली और आसपास के राज्यों के कार मालिकों की डिटेल के 1240 पेज बरामद किए गए हैं. इसके अलावा पुलिस को फेक मेल आईडी और आरोपियों के लैपटॉप से कार मालिकों का डेटा और अन्य डिटेल भी मिली है,जिसमें चीटिंग से संबंधित कई जानकारियां हैं.
कार का बीमा करावने के नाम पर ठगी
डीसीपी ने बताया कि, 5 अक्टूबर को बुराड़ी थाना की पुलिस को दी गयी शिकायत में एक शिकायतकर्ता ने बताया कि, जून 2024 में अपनी गाड़ी का बीमा करावने के लिए ऑनलाइन नंबरों की खोज की थी. जिसके बाद, उन्हें कुछ नंबरों से कॉल्स आने लगी. कॉल करने वालों ने उन्हें कम प्रीमियम पर गाड़ी का बीमा दिलाने का लालच दिया.
उन्हें मशहूर बीमा कंपनी के नाम से मिलते फर्जी ईमेल आईडी से एक ईमेल भी प्राप्त हुआ, जिसमें ठगों ने खुद के उक्त कंपनी का कर्मचारी होने का दावा किया और इस तरह उन्हें झांसे में लेकर 12 हजार रुपये ले लिए गए. जिसके बाद, 30 जून को उन्हें बीमा पॉलिसी के दस्तावेज भेजे गए. जिसे देख कर उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने बीमा कंपनी से संपर्क किया, जिन्होंने बीमा के फर्जी होने की बात बताई. इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई.
ठगों पर ऐसे कसा शिकंजा
शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई. इसके लिए एसएचओ अजित कुमार के नेतृत्व में वाली टीम का गठन किया गया था. जांच में जुटी टीम ने शिकायतकर्ता से प्राप्त मोबाइल नंबरों पर तकनीकी निगरानी लगाई. सीसीटीवी कैमरे और मोबाइल टॉवरों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया. जिससे पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन को द्वारका मोड मेट्रो स्टेशन के नजदीक सेवक पार्क एरिया के पास ट्रैक किया. जिसके बाद पुलिस ने यहां एक बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में छापा मार कर दस लड़कियों और दो युवकों को दबोच लिया.
ऐसे करते थे ठगी
मुख्य आरोपी निहाल खान और दीपू ने पूछताछ में खुलासा किया वे इस तरह से लगभग पचास लोगों से चीटिंग कर चुके हैं. ये अपने कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए एक ऐप और ऑनलाइन पोर्टल की मदद लेते थे. जिन्हें वे कार मालिकों का डेटा उन्हें देते. कॉल सेंटर से कॉल कर वे गाड़ी के मालिकों से बीमा के बारे में पूछते. अगर कोई उनके प्रस्ताव में दिलचस्पी दिखाता, तो वे उसे एग्जीक्यूटिव द्वारा संपर्क किये जाने की बात कहते थे और फिर बाद में उन्हें कॉल कर उनसे बीमा के नाम पर पैसे ऐंठ लेते थे. आरोपियों ने इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल के जरिए चार फर्जी मेल आईडी बना रखी थी.
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