UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा लाए गए ड्यूल डिग्री प्रोग्राम के तहत इसमें कई प्रमुख संशोधनों को मंजूरी दे दी गयी है. जिसके अंतर्गत अब हायर एजुकेशन के लिए छात्रों को विदेश जाने की जरूरत नहीं होगी.


ज्वाइंट डिग्री का मिलेगा मौका
दरअसल, जो छात्र विदेशों में बड़े बड़े विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षा लेना चाहते हैं तो वह अपने देश में रहकर शिक्षा ले सकेंगे. यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर जगदीश कुमार ने बताया है कि भारत के अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों को अब विदेशी संस्थानों के साथ ज्वाइंट डिग्री या ड्यूल डिग्री शुरू करने का मौका मिलेगा.


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जल्द होगा नोटिफिकेशन जारी
कुमार ने बताया कि इसके लिए देश के टॉप विश्वविद्यालय विदेश के किसी भी शीर्ष विश्वविद्यालय के साथ मिलकर साझा कोर्स शुरू कर सकता हैं. इसके अंतर्गत देश के किसी भी शिक्षण संस्थान को तीन तरह के प्रोग्राम ऑफर करने का मौका मिलेगा. जिसमें ट्वाइनिंग प्रोग्राम, जॉइंट डिग्री और ड्यूल डिग्री प्रोग्राम शामिल है. यूजीसी की ओर से कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए देश के विश्वविद्यालय विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर यह प्रोग्राम शुरू कर सकते हैं. यूजीसी ने उच्च शिक्षा नियामक की बैठक में यह फैसला लिया है और जल्द ही इस को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा.


विदेश जाकर पढ़ने का भी मिलेगा मौका
इस प्रोग्राम के अंतर्गत भारत सरकार की ओर से जारी होने वाली एनआईआरएफ रैंकिंग के टॉप 100 और विश्व रैंकिंग के टॉप 1000 शिक्षण संस्थान यह डिग्री प्रोग्राम करवा सकते हैं इसके साथ ही छात्रों को यह डिग्री कोर्स करने के लिए विदेशी संस्थान से 30 फीसदी क्रेडिट स्कोर हासिल करना होगा. वहीं दूसरी तरफ तो विदेशी छात्रों को भी यह प्रोग्राम करने के लिए इंडियन यूनिवर्सिटी से 30 फ़ीसदी क्रेडिट हासिल करना होगा जिसके तहत इंडियन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट डिग्री देगा. इसके अलावा इस प्रोग्राम के अंतर्गत छात्रों को 1 से 2 सेमेस्टर के लिए विदेश जाकर पढ़ने का भी मौका मिलेगा, जिसके बाद छात्रों को विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री प्राप्त होगी.


डिग्री प्रोग्राम होगा केवल फिजिकल मोड डिग्री के लिए 
इसके साथ ही यह डिग्री प्रोग्राम सिर्फ फिजिकल मोड डिग्री के लिए ही होगा यानी कि इसमें ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम या डिस्टेंस मोड से होने वाली डिग्री प्रोग्राम नहीं होगा विदेशी डिग्री कोर्स के लिए पढ़ाई पूरी तरीके से फिजिकली क्लास रूम में होने वाली पढ़ाई होगी और छात्रों को ट्वाइनिंग प्रोग्राम, जॉइंट डिग्री और ड्यूल डिग्री प्रोग्राम करने के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में जाकर पढ़ाई करने का भी मौका मिलेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें पूरी तरीके से विदेश में जाकर पूरे कोर्स की पढ़ाई नहीं करनी होगी, उन्हें एक या दो सेमेस्टर के लिए ही विदेश में जा कर पढ़ाई करनी होगी जिसके बाद छात्रों को भारत में ही किसी भी शीर्ष विदेशी संस्थान की डिग्री प्राप्त होगी.


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