एक्सप्लोरर

Online Classes: ऑनलाइन क्लास से नहीं हो रहा फायदा? दिल्ली के शिक्षकों ने सरकार को दी ये सलाह

Delhi News: शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से छात्रों की पढ़ाई एक बार प्रभावित हो रही है. ऑनलाइन कक्षाओं के फायदे बताना मुश्किल हैं. लेकिन विशेषज्ञों ने वैकल्पिक व्यवस्था बताई है.

Delhi News: कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए देशभर में स्कूल कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है. राजधानी दिल्ली में भी प्राइमरी स्कूल से लेकर कॉलेज और सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से छात्रों की पढ़ाई पर असर एक बार फिर पड़ रहा है. पिछले 2 वर्षों से महामारी के चलते स्कूल कॉलेज बंद किए गए हैं और छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं. हालांकि कुछ समय पहले हालात बेहतर होने पर दिल्ली में स्कूलों को खोला गया था लेकिन वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिसंबर महीने में फिर से स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया. अब ओमिक्रोन और कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बाद स्कूल बंद हैं.

ऑनलाइन क्लास के फायदे बता पाना मुश्किल

सुभाष नगर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में हिंदी के शिक्षक संतराम ने एबीपी न्यूज को बताया देश में महामारी को आए हुए करीब 2 साल हो चुके हैं और इस दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चों की शिक्षा हुई है. जहां स्कूलों को बंद कर दिया गया है तो वहीं छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है, लेकिन ऑनलाइन क्लासेस को कितने बच्चे अटेंड कर पा रहे हैं और कितना समझ में आ रहा है, कहना बेहद मुश्किल है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले अधिकतर बच्चों के पास मोबाइल फोन और इंटरनेट का अभाव होता है, एक घर में अगर 3 से 4 बच्चे हैं तो हर एक बच्चे के पास मोबाइल फोन और इंटरनेट की सुविधा हो पाना बेहद मुश्किल हो जाता है. ऐसे में सभी बच्चे ऑनलाइन क्लास नहीं ले पाते, जिसके चलते उनकी शिक्षा बाधित होती है.

शिक्षक संतराम ने बताया कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं होते कि हर एक बच्चे की ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट या कंप्यूटर उपलब्ध करा सकें. इसके अलावा इंटरनेट की सुविधा दे पाना भी उनके लिए काफी मुश्किल हो जाता है. मौजूदा समय में हर कोई आर्थिक समस्याओं से गुजर रहा है. ऐसे में उनके लिए एक बड़ी समस्या देखने को मिलती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे टेक्नोलॉजी फ्रेंडली भी नहीं होते कि खुद जूम मीटिंग से जुड़कर क्लास अटेंड कर सकें और होमवर्क ऑनलाइन सबमिट कर सकें. क्लास में जुड़ना और फिर टीचर से बात करना, उन्हें सही जवाब दे पाना, उनके लिए काफी मुश्किल भरा होता है. शिक्षक संतराम के मुताबिक ऑनलाइन लर्निंग का कांसेप्ट शिक्षकों के लिए भी बेहद नया है. पहले कभी भी शिक्षकों ने ऐसे बच्चों को ऑनलाइन नहीं पढ़ाया है, जिसके चलते शिक्षकों के लिए भी बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज लेना, उन्हें पढ़ाना, काफी मुश्किल रहता है. हालांकि अब धीरे-धीरे शिक्षक इसको लेकर अवेयर हो गए हैं. पहले ज्यादातर शिक्षक बेसिक फोन का इस्तेमाल करते थे, मगर अब स्मार्टफोन, लैपटॉप, कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं.

अन्य शिक्षक डॉक्टर अखिलेश द्विवेदी ने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले केवल 30 फीसदी छात्रों के पास ही मोबाइल फोन, इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हो पाती है, बाकी छात्र ऑनलाइन क्लासेज भी नहीं ले पाते. उन्होंने बताया कि फिजिकल मोड की क्लासेस में एक शिक्षक छात्र को आसानी से पढ़ा पाता है. छात्र को कुछ नहीं समझ आने पर बेझिझक पूछता है. शिक्षक को भी पता है कि कितने बच्चों को समझ आ रहा है और कितने बच्चों को नहीं. लेकिन ऑनलाइन मोड में शिक्षक हर एक बच्चे को नहीं देख पाता. कई बार छात्र स्क्रीन ऑफ कर लेते हैं या फिर ऑनलाइन क्लास में जुड़कर कोई अन्य काम करते रहते हैं. ऐसे में शिक्षक कैसे हर एक बच्चे पर नजर रखें, काफी चुनौती हो जाती है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के चलते बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है, बच्चे सही से नहीं पढ़ पा रहे हैं.

टीवी के माध्यम से बच्चों की ऑनलाइन क्लास हो शुरू

महामारी के दौर में बच्चों की बाधित हो रही पढ़ाई को लेकर शिक्षकों ने सलाह दी कि सरकार को टीवी के माध्यम से बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस शुरू करनी चाहिए क्योंकि अब एक लंबा समय गुजर चुका है. करीब 2 साल से छात्रों की पढ़ाई महामारी के चलते खराब हो रही है. ऐसे में सरकार के पास भी काफी ज्यादा समय था. सरकार ऐसा सिस्टम डिवेलप कर सकती थी जिसमें छात्र आसानी से क्लासेस कर सकते थे. प्राइमरी स्कूल से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्कूल तक के बच्चे टीवी पर अलग-अलग चैनलों के माध्यम से क्लास ले सकते हैं क्योंकि टीवी हर एक घर में होता है, और इसके लिए आर्थिक तौर पर भार भी ज्यादा नहीं पड़ता. सरकार को चाहिए था कि ऐसा ऐप डेवेलप करे जिस पर रिकॉर्डिंग क्लासेस उपलब्ध हो. जिस पर छात्र कभी भी अपनी क्लासेस ले सकते थे. लेकिन इस समय छात्रों के साथ शिक्षकों को भी ऑनलाइन मोड के चलते काफी परेशानी हो रही है. सबसे ज्यादा छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है. उन्होंने कहा कि मार्च के महीने में फाइनल टर्म के एग्जाम होते हैं लेकिन जैसे हालात हैं ऐसे में परीक्षाएं होना काफी मुश्किल लग रहा है.

सातवीं क्लास में पढ़ने वाले 11 साल के मयंक ने बताया कि उनकी टीचर ऑनलाइन क्लास लेती हैं, और सभी सब्जेक्ट की उनकी ऑनलाइन क्लास होती है लेकिन उन्हें हर एक क्लास में बहुत कम ही समझ आता है. क्लास खत्म हो जाने के बाद अपने पेरेंट्स या फिर ट्यूशन टीचर से दोबारा समझने की कोशिश करते हैं. मयंक की मां नेहा ने कहा कि इसके साथ क्लास में बैठ नोट डाउन करना पड़ता है. पहले घर में इंटरनेट कोई इस्तेमाल नहीं करता था, लेकिन अब हर महीने इंटरनेट का खर्च बढ़ गया है. इसके अलावा उन्होंने बच्चे की ऑनलाइन क्लास के लिए घर में कंप्यूटर भी लगवाया है.

बता दें महामारी के चलते राजधानी समेत देशभर में स्कूलों को बंद रखा गया है. राजधानी दिल्ली में पिछले साल सितंबर के महीने में 9 से 12 क्लास तक के स्कूलों को खोलने की अनुमति शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दी गई थी, लेकिन वायु प्रदूषण के चलते 3 दिसंबर 2021 से स्कूलों को फिर बंद कर दिया गया और अब 3 जनवरी 2022 से दिल्ली में स्कूलों को विंटर वेकेशन के लिए बंद कर दिया गया है. हालांकि इसके लिए अभी कोई भी समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है कि स्कूलों को कब खोला जाएगा.

Italy से Amritsar पहुंचे एयर इंडिया फ्लाइट के 125 यात्री निकले Corona पॉजिटिव

Exclusive: पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक पर क्या बोले किसान नेता राकेश टिकैत

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

महाराष्ट्र में किसे मिलेगा कौन सा पद, तय करेगा अमित शाह का रिपोर्ट कार्ड! जानें महायुति की मीटिंग की इनसाइड स्टोरी
महाराष्ट्र में किसे मिलेगा कौन सा पद, तय करेगा अमित शाह का रिपोर्ट कार्ड! जानें महायुति की मीटिंग की इनसाइड स्टोरी
स्वर्ण मंदिर के बाथरूम की सफाई, जूठे बर्तनों की धुलाई, अकाली दल चीफ सुखबीर बादल को मिली सजा
स्वर्ण मंदिर के बाथरूम की सफाई, जूठे बर्तनों की धुलाई, अकाली दल चीफ सुखबीर बादल को मिली सजा
‘बच्चा नहीं है तो लाइफ खत्म, पति की दूसरी शादी करवा दो, प्रेग्नेंसी को लेकर भद्दे कमेंट करने वालों पर भड़कीं संभावना सेठ
पति की दूसरी शादी की सलाह देने वालों पर भड़की संभावना, बोलीं - 'सूली पर चढ़ा..'
IPL 2025: अंबानी तो सिर्फ दिखाने के लिए! ऑक्शन में हार्दिक पांड्या ने बनाई थी मुंबई की टीम; खुल गया राज
अंबानी तो सिर्फ दिखाने के लिए! ऑक्शन में हार्दिक पांड्या ने बनाई थी मुंबई की टीम; खुल गया राज
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

एकनाथ शिंदे की बातें मानना अब BJP के लिए जरूरी या मजबूरी?IPO ALERT: Ganesh Infraworld Limited IPO में जानें Price Band, GMP, Key Dates & Full Review | Paisa LivePrasoon Joshi ने OTT पर censorship, Bollywood फिल्मों में mythological stories और Shri Krishna पर की बात.Kisan Andolan: किसानों के दिल्ली कूच के बीच नोएडा में ट्रैफिक कंट्रोल के लिए तैनात हुई RAF

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
महाराष्ट्र में किसे मिलेगा कौन सा पद, तय करेगा अमित शाह का रिपोर्ट कार्ड! जानें महायुति की मीटिंग की इनसाइड स्टोरी
महाराष्ट्र में किसे मिलेगा कौन सा पद, तय करेगा अमित शाह का रिपोर्ट कार्ड! जानें महायुति की मीटिंग की इनसाइड स्टोरी
स्वर्ण मंदिर के बाथरूम की सफाई, जूठे बर्तनों की धुलाई, अकाली दल चीफ सुखबीर बादल को मिली सजा
स्वर्ण मंदिर के बाथरूम की सफाई, जूठे बर्तनों की धुलाई, अकाली दल चीफ सुखबीर बादल को मिली सजा
‘बच्चा नहीं है तो लाइफ खत्म, पति की दूसरी शादी करवा दो, प्रेग्नेंसी को लेकर भद्दे कमेंट करने वालों पर भड़कीं संभावना सेठ
पति की दूसरी शादी की सलाह देने वालों पर भड़की संभावना, बोलीं - 'सूली पर चढ़ा..'
IPL 2025: अंबानी तो सिर्फ दिखाने के लिए! ऑक्शन में हार्दिक पांड्या ने बनाई थी मुंबई की टीम; खुल गया राज
अंबानी तो सिर्फ दिखाने के लिए! ऑक्शन में हार्दिक पांड्या ने बनाई थी मुंबई की टीम; खुल गया राज
किंग कोबरा के बच्चे से खिलौने की तरह खेलता दिखा शख्स, वीडियो देख हलक में आ जाएगी जान
किंग कोबरा के बच्चे से खिलौने की तरह खेलता दिखा शख्स, वीडियो देख हलक में आ जाएगी जान
26 राफेल फाइटर जेट, 3 स्कॉर्पीन सबमरीन... पाकिस्तान और चीन के लिए हो गया बंदोबस्त? नौसेना प्रमुख ने बताया पूरा प्लान
26 राफेल फाइटर जेट, 3 स्कॉर्पीन सबमरीन... पाकिस्तान और चीन के लिए हो गया बंदोबस्त? नौसेना प्रमुख ने बताया पूरा प्लान
FIIs Investment: विदेशी निवेशक इन 4 शेयरों पर लगा रहे हैं दांव, 35 रुपये से कम है कीमत
विदेशी निवेशक इन 4 शेयरों पर लगा रहे हैं दांव, 35 रुपये से कम है कीमत, एक में लगा अपर सर्किट
सोने का तरीका भी बताता है कि आपके पास पैसा होगा या नहीं, कितने कामयाब होंगे आप!
सोने का तरीका भी बताता है कि आपके पास पैसा होगा या नहीं?
Embed widget