Delhi News: भारत में ऐसे महान लोगों की कमी नहीं है, जिन्होंने कभी भी अपने संघर्षों को अपने लक्ष्य में रुकावट नहीं बनने दिया. दिल्ली के विनोद चौधरी ऐसी ही शख्सियतों में से एक हैं. विनोद की काबीलियत जानकर आप दांतों तले उंगलिया दबा लेंगे. दरअसल विनोद को टाइपिंग करने में महारत हासिल है. वह आंख पर पट्टी बांधकर, मुंह में पेन रखकर और अनेकों अंदाज में टाइपिंग कर लेते हैं.


इसके अलावा विनोद टेनिस बॉल को 1 मिनट में 200 से ज्यादा बार उछालने की विधि भी जानते हैं. इस अनोखे अंदाज और कारनामे के लिए विनोद ने कई बार अपने रिकॉर्ड को तोड़ा है और अब तक विनोद के नाम 9 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और 1 इंडिया बुक रिकॉर्ड भी शामिल है. 


बिजली की रफ्तार से करते हैं टाइपिंग
वैसे सुनने में यह प्रतिभा भले ही सामान्य लग रही हो लेकिन निर्धारित समय में हिंदी-इंग्लिश टाइपिंग कार्य करना कठिन माना जाता है और आज तो व्यावसायिक क्षेत्र में इस योग्यता को प्राथमिकता दी जाती है. टाइपिंग के बिना कई जगहों पर चयन भी मुमकिन नहीं है.  42 वर्षीय विनोद चौधरी दिल्ली के सुलेमान नगर में रहते हैं. विनोद एक हाथ से आंख बंद करके एक उंगली से अनेकों विधाओं से गोली की रफ्तार से टाइपिंग करने में माहिर हैं, इसको लेकर उन्होंने अनेक रिकॉर्ड भी स्थापित किए हैं.


विनोद के कुछ अनोखे रिकॉर्ड
:- 2021 में 1 मिनट में सर्वाधिक 258 बार  टेनिस बॉल को उछालना.


:- 2019 में एक उंगली से पूरे अंग्रेजी वर्णमाला को 29.53 सेकंड में टाइप करना.


:- 2016 में आंखों पर पट्टी बांधकर 6.7 सेकेंड में पूरी अंग्रेजी वर्णमाला को टाइप करना.


:- 2014 में पूरे अंग्रेजी वर्णमाला को 46.30 सेकंड में नाक से टाइप करना.


मिल्खा सिंह को मानते हैं अपनी प्रेरणा


एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान विनोद ने कहा कि मेरा बचपन बेहद संघर्षों में बीता है, आर्थिक चुनौतियों से लगातार जूझता रहा हूं. मिल्खा सिंह मेरे प्रेरणा स्रोत रहे हैं और मैं उनकी तरह एक एथलीट बनना चाहता था लेकिन जीवन में आईं अनेक चुनौतियों की वजह से इस लक्ष्य को प्राप्त न कर सका जिसके बाद 2014 से इस प्रतिभा के माध्यम से एक अलग पहचान बनाना मेरा उद्देश्य बन गया और आगे अपने इन्ही कार्यों से देश के नाम अनेक कीर्तिमान स्थापित करना चाहता हूं."


बच्चों को टाइपिंग की क्लास
विनोद चौधरी दिल्ली के सुलेमान नगर में बच्चों को टाइपिंग और कंप्यूटर साइंस की शिक्षा देते हैं. इसके अलावा आर्थिक रूप से असहाय बच्चों की मदद भी करते हैं. ऐसे अनेकों बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनके सशक्तिकरण और भविष्य को संवारने के लिए विनोद एक मिशन को शुरू करना चाहते हैं जिससे इन बच्चों के पढ़ने-लिखने और लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई रुकावट ना आए. निश्चित ही टाइपिस्ट विनोद ने 9 बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और 1 बार इंडिया बुक रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराकर दिल्ली को गौरवान्वित किया है.


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