Delhi News: दिल्ली सरकार शहर के आठ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक लगाने जा रही है ताकि परमानेंट लाइसेंस पाने वाले आवेदकों का वेटिंग पीरियड कम हो सके. अधिकारियों ने बताया कि परिवहन विभाग ने इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय कश्मीरी गेट, बवाना में दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और पूसा, जाफरपुर कलां, मयूर विहार, शाहदरा, जेल रोड और नरेला में पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) में ऑटोमेटेड ट्रैक के कंस्ट्रक्शन के लिए टेंडर मांगे हैं.


सफल बिडिंग के बाद दो महीने में ट्रैक बनने की उम्मीद


परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रैक पर करीब 10 करोड़ रुपये की लागत आएगी और सफल बिडिंग के बाद दो महीने में इसके बनने की उम्मीद है. उन्होंने ये भी कहा कि नए ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस चाहने वाले आवेदकों के लिए वेटिंग पीरियड को कम करने में मदद करेंगे. वर्तमान में, टेस्ट लेने से पहले वेटिंग पीरियड लगभग दो महीने है.  विभाग के पास शहर के विभिन्न हिस्सों में अपने क्षेत्रीय कार्यालयों में 10 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक हैं.


ऑटोमेटेड ट्रैक का ये है उपयोग


बता दें कि ऑटोमेटेड ट्रैक का उपयोग अप-ग्रेडिएंट, फॉरवर्ड-8, रिवर्स-एस और ट्रैफिक जंक्शनों के माध्यम से एक आवेदक ड्राइवर के स्किल टेस्ट के लिए किया जाता है, उन्हें 24 स्किल पर मार्क किया जाता है, जिसमें 'एस' शेप के स्ट्रेच पर वाहन को रिवर्स करना, पार्किंग, ओवरटेकिंग और क्रॉसिंग शामिल हैं.


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