Delhi News: क्या होता है 'रेड कॉर्नर नोटिस' और किसके लिए होता है जारी? यहां जानें
Red Corner Notice News: रेड कॉर्नर नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी का वारंट नहीं होता और नहीं किसी व्यक्ति पर जुर्म साबित होता है. यह नोटिस दुनिया के सारे पुलिस डिपार्टमेंट से सिर्फ एक अनुरोध होती है.
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What is Red Corner Notice: विकास लगरपुरिया को 30 करोड़ की चोरी के मामले में गिरफ्तार किया है. इसकी गिरफ्तारी के बाद रेड कॉर्नर नोटिस को लेकर काफी बातें की जा रही हैं. क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस और क्या इसके जारी होने से किसी की गिरफ्तारी हो सकती है. कौन जारी करता है रेड कॉर्नर नोटिस और किस-किसके खिलाफ जारी हो सकती है ये नोटिस ये सारे सवाल हमारे जेहन में उठते हैं. जब हम रेड कॉर्नर नोटिस के बारे में कहीं सुनते या पढ़ते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस और इसे किसके खिलाफ जारी किया जाता है और इसके अंतर्गत कौन-कौन से प्रावधान हैं.
क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस
रेड कॉर्नर नोटिस को रेड नोटिस भी कहा जाता है. जब भी कोई व्यक्ति अपराध करके दूसरे देश भाग जाता है, तो देश सहित दुनिया भर की पुलिस को सचेत करने के लिए एक नोटिस जारी किया जाता है. इसे ही रेड कॉर्नर नोटिस कहते हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांटेड भगोड़ों के बारे में दुनिया भर की पुलिस फोर्स को सचेत करने के लिए ये नोटिस जारी किया जाता है. रेड कॉनर नोटिस दुनिया भर में लॉ एनफोर्समेंट के लिए एक अनुरोध है जो प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए लंबित व्यक्ति का पता लगाने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए है. यह अनुरोध करने वाले देश में न्यायिक अधिकारियों द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट या अदालती आदेश पर आधारित है. किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना है या नहीं, यह तय करने के लिए सदस्य देश अपने स्वयं के कानूनों को लागू करते हैं.
किसे जारी किया जाता है रेड कॉर्नर नोटिस
रेड नोटिस को कोई भी देश तब जारी करता है, जब न्याय से बचने की कोशिश में कोई अपराधी दूसरे देश में भाग जाता है. एक रेड नोटिस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित भगोड़ों के बारे में दुनिया भर की पुलिस को सचेत करता है. यहाँ पर ये स्पष्ट करना जरूरी है कि, रेड कॉर्नर नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी का वारंट नहीं होता है. यह दुनिया भर की पुलिस फोर्स के लिए एक अंतरराष्ट्रीय अलर्ट है. यह नोटिस दुनिया के सारे पुलिस डिपार्टमेंट से सिर्फ एक अनुरोध होती है. रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने से किसी व्यक्ति पर जुर्म साबित नहीं होती. रेड नोटिस तभी जारी किया जा सकता है जब कानून की नजर में वह अपराध गंभीर हो. इसमें हत्या, बड़ी डकैती, चोरी, या फिर रेप जैसे अपराध शामिल होते हैं. रेड कॉर्नर नोटिस में वांटेड आरोपी के पहचान की जानकारियां, जैसे उसका नाम, जन्म तिथि, राष्ट्रीयता, बाल और आंखों का रंग, फोटोग्राफ और उंगलियों के निशान यदि उपलब्ध हों, होते हैं.
क्या है इंटरपोल
इसी कड़ी में एक शब्द आता है 'इंटरपोल'. आसान भाषा में इंटरपोल को इंटरनेशनल पुलिस के रूप में समझा जा सकता है. दुनिया भर के 192 देश इसके सदस्य हैं. रेड कॉनर नोटिस भी यही 192 देश जारी कर सकते हैं, जो इंटरपोल के सदस्य हैं. रेड कॉनर नोटिस या रेड नोटिस के सिफारिश की जांच एक टास्क फोर्स की ओर से की जाती है. इसके साथ ही ये भी देखा जाता है कि जो भी सिफारिश आई है वो आखिर इंटरपोल के नियमों के मुताबिक है या नहीं? अगर नोटिस सारे नियमों को ध्यान में रखकर जारी किया गया हो तो नोटिस को इंटरपोल की ओर से भी जारी कर दिया जाता है.
इंटरपोल किसी भी देश में कानून प्रवर्तन अधिकारियों को किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है जो रेड नोटिस का विषय है. प्रत्येक सदस्य देश यह तय करता है कि वह रेड नोटिस को क्या कानूनी मूल्य देता है और गिरफ्तारी करने के लिए उनके कानून प्रवर्तन अधिकारियों का अधिकार क्या है.
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