Delhi News: एलजी विनय सक्सेना ने किया रैन बसेरों का निरीक्षण, यमुना किनारे खुले में शौच की शिकायत पर रह गए हैरान
दिल्ली के एलजी विनय सक्सेना (Vinai Saxena) को लोगों ने बताया कि उनमें से अनेक सड़क के किनारे और फुटपाथ पर सोने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि रैन बसेरों में केवल 600 लोग रह सकते हैं.
Delhi LG Visited Night Shelters: रैन बसेरों का देर रात दौरा करने पहुंचे दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (Vinai Saxena) उस वक्त हैरान रह गए, जब उन्होंने पाया कि शौचालयों और जगह की कमी के कारण बहुत सारे लोग यमुना (Yamuna) किनारे शौच करने और फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं. उनके कार्यालय के अनुसार सक्सेना ने शुक्रवार रात कश्मीरी गेट (Kashmiri Gate) के पास स्थित रैन बसेरे का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने उसके आसपास रहने वाले लोगों से बात की.
उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने लोगों से उन्हें दी जा रही सुविधाओं के बारे में पूछा. साथी ही इन आश्रय गृहों में व्यवस्थाओं और सुविधाओं का जायजा लिया. लोगों ने उन्हें बताया कि उनमें से अनेक सड़क के किनारे और फुटपाथ पर सोने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि रैन बसेरों में केवल 600 लोग रह सकते हैं. वहीं इस क्षेत्र में उनके जैसे बेघर लोगों की संख्या लगभग पांच हजार के आस-पास है.
बेघर लोगों ने एलजी को बताई अपनी समस्या
इस दौरान बेघर लोगों ने एलजी को बताया कि रैन बसेरों में केवल पंजीकृत लोगों को ही भोजन उपलब्ध कराया जाता है, जिसका अर्थ है कि हजारों अन्य लोगों को रात के खाने के लिए कहीं और जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. अधिकारियों ने कहा कि लोगों ने आश्रय गृहों में शौचालयों की भारी कमी के बारे में भी बताया, जिससे उन्हें यमुना किनारे खुली जगहों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
एलजी ने शौचालयों की कमी पर व्यक्त की चिंता
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल ने आश्रय गृहों में जगह और इसके आसपास शौचालयों की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की, हालांकि उन्होंने आश्रय गृहों के अंदर पर्याप्त संख्या में रजाई, कंबल और सफाई की सराहना की. अधिकारी ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने हैरानी व्यक्त की कि हजारों लोग दिल्ली में खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं, जबकि देश के दूरदराज के इलाके खुले में शौच मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर रहे हैं.’’
साफ-सफाई की कमी का भी एलजी ने लिया संज्ञान
उपराज्यपाल कार्यालय से संबंधित अधिकारी ने बताया कि, ‘‘उपराज्यपाल ने खुले में कागज, प्लास्टिक की प्लेट और कप के लापरवाही से निपटान के कारण आसपास के क्षेत्र में साफ-सफाई की कमी का भी संज्ञान लिया.’’ उनके कार्यालय के अनुसार, विनय सक्सेना ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि मास्टर प्लान दिल्ली-2041 में बेघरों को घर देने और उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान हो. अधिकारी ने कहा कि वह इसे सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ इस मामले को उठाएंगे कि सड़कों पर सोने के लिए मजबूर लोगों को तुरंत शहर के अन्य स्थानों पर सोने के विकल्प उपलब्ध कराए जाएं.
भिखारियों को कहीं और किया जाएगा स्थानांतरित
एलजी विनय सक्सेना ने इन लोगों के कार्यस्थल के पास आश्रय गृहों की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिनमें से अधिकतर प्रवासी श्रमिक हैं. अधिकारी ने कहा कि उपराज्यपाल ने क्षेत्र में भिखारियों और नशा करने वालों के पुनर्वास के लिए एक व्यापक योजना की भी बात कही. सरकार के मुताबिक, अगले साल सितंबर में यहां होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर कश्मीरी गेट आईएसबीटी के पास रहने वाले 1,000 से अधिक भिखारियों को जनवरी में कहीं और रैन बसेरों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
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