Delhi No Entry Zone: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने गुरुवार को एक जरूरी फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली की 250 रोड पर जहां नो एंट्री है वहां लाइट कॉमर्शियल व्हीकल्स L5N और N-1 नहीं जा पाते हैं. लेकिन अब लाइट कॉमर्शियल व्हीकल्स किसी भी समय इन सड़कों पर जा सकेंगे. अब उन्हें नो एंट्री के खुलने का इंतजार नहीं करना होगा, पार्किंग भी कर सकते हैं. 


मंत्री ने कहा, "नो एंट्री में किसी भी तरह के कमर्शियल व्हीकल नहीं जा सकते हैं, लेकिन जिसे छोटा हाथी बोलते हैं, जो लाइट कमर्शियल व्हीकल होते हैं, उनमें दो कैटेगरी के इलेक्ट्रिक व्हीकल L5-10 और N-1 को हम ऐसे एरिया में एंट्री की अनुमति दे रहे हैं. दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के कारण इस एरिया में भी इलेक्ट्रिक गाड़ियां आ रही हैं. जब हमने पॉलिसी लागू की थी, तब दिल्ली में सिर्फ 46 लाइट कमर्शियल व्हीकल थे, आज इनकी संख्या 1054 हो गई है."


वहीं, 1000 प्राइवेट बसें हायर करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पब्लिक नोटिस इश्यू कर दिए गए हैं, बहुत जल्द ये बसें दिल्ली की सड़कों पर होंगीं, कुछ एयर कंडीशन भी हैं, कुछ नॉन एसी भी हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो 1000 लो फ्लोर बसें आनी थीं, उसे बीजेपी ने रोकी. वरना वो जून महीने में ही सड़कों और आ चुकी होतीं. कोविड के कारण इलेक्ट्रिक बसों के आने में देरी हुई, लेकिन उनका प्रोटोटाइप आ चुका है, जल्द ही इलेक्ट्रिक बसें आ जाएंगीं.


कैलाश गहलोत ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2024 तक दिल्ली की सड़कों पर 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन हो। जब दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लांच की थी तो सिर्फ 1.2 फीसदी बिक्री थी, अब यह बढ़कर 7 फीसदी के आस-पास हो गई है। जब ये पॉलिसी लांच हुई थी उस समय सिर्फ 46 वाहन थे, आज 1,054 वाहन रजिस्टर्ड हैं.


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