Delhi-NCR News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यदि आपको गाड़ी में सफर कर रहे हैं और आप गाड़ी की पीछे वाली सीट पर बैठे हैं और आपने सीट बेल्ट नहीं लगाई है. तो आपका चालान काटा जाएगा. इसको लेकर दिल्ली में अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान को लेकर चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री CTI के एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली के डीसीपी ट्रैफिक अलाप पटेल से मुलाकात की. इस दौरान CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने डीसीपी ट्रैफिक को बताया कि पिछली सीट पर बेल्ट नहीं लगाने वालों के धड़ाधड़ चालान काटे जा रहे हैं. इससे पैनिक स्थिति हो गई है.
टैक्सी और टूरिस्ट भी टेंशन में हैं. व्यापारी से लेकर आम जनता, महिलाएं और बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. उनका कहना है कि अधिकतर लोगों को इससे नए नियम की जानकारी नहीं है जिसके कारण लोगों को परेशानी आ रही है.
CTI ने डीसीपी ट्रैफिक को यह सुझाव दिया कि प्रशासन को इस अभियान को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि लोगों को इस बारे में अभी जानकारी नहीं है वहीं जो पुराने मॉडल की कार है उनमें पिछली सीट पर बेल्ट नहीं होती ऐसे में लोग क्या करें? यदि किसी कार में सीट बेल्ट है, तो दो यात्रियों के लिए है. तीन सवारी बैठती हैं, तो बीच वाली के लिए बेल्ट नहीं है. ट्रैफिक पुलिस इनका भी चालान काट रही है. चालान के नाम पर अवैध वसूली की खबरें भी सामने आ रही हैं. इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है.
सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव ने बताया कि पिछले साल रेयर सीट पर बेल्ट नहीं लगाने पर 43 गाड़ियां को चालान हुआ. लेकिन इस बार संख्या हजारों में पहुंच गई है.
सीटीआई वीमन काउंसिल की प्रेजिडेंट मालविका साहनी ने कहा कि बहुत सी महिलाएं सुबह छोटे बच्चों को लेकर स्कूल जाती हैं. क्या, पीछे बैठे छोटे बच्चों को भी बेल्ट लगाना अनिवार्य है? इसे लेकर स्पष्टता नहीं है. ऑटोमेटिव पार्ट्स मर्चेंट असोसिएशन के प्रेजिडेंट विनय नारंग और अशोक मित्तल ने बताया कि कश्मीरी गेट के ऑटो स्पेयर मार्केट के दुकानदारों पर भी फोन आ रहे हैं. लोग पूछ रहे हैं कि पुरानी गाड़ियों में पिछली सीट पर क्या बेल्ट लग सकती है?
इसके साथ ही ट्रान्सपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने ट्रैफिक डीसीपी अलाप पटेल को बताया कि दिल्ली में वाहनों की संख्या बहुत अधिक है. यहां स्पीड लिमिट है. जगह-जगह कैमरे लगे हैं. ओवर स्पीड होते ही चालान कट जाता है. ऐसे में लोग वाहन धीमा ही चलाते हैं.
इस स्थिति में पिछली सीट पर यदि किसी ने बेल्ट नहीं लगाई, तब भी जोखिम कम है. इस मीटिंग के बाद डीसीपी ने कहा कि केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइन मानना उनकी ड्यूटी है. केन्द्र सरकार के परिवहन मंत्रालय ने इसको लेकर 21 सितंबर को एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है और आम लोगों से 5 अक्टूबर तक राय भी मांगी है.
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