(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi School Admission 2022: हजारों सीटें खाली होने के बावजूद नहीं मिल रहा EWS छात्रों को एडमिशन, अब दिल्ली हाईकोर्ट ने ये कहा
Delhi School Admission 2022: दिल्ली HC ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है और ये सरकार कि जिम्मेदारी है कि हर बच्चे को स्कूल में प्रवेश मिले. जानिए विस्तार से.
Delhi Nursery Admission 2022: राजधानी दिल्ली (Delhi School Admission 2022) में नर्सरी स्कूल एडमिशन (Delhi Nursery Admission 2022) की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. ऐसे में भी ईडबल्यूएस (Delhi EWS Admission) कोटे के लिए आरक्षित करीब 44 हजार सीटें खाली पड़ी हैं. पहले भी सरकार (Delhi Government) की तरफ से इस बारे में निर्देश जारी हुए हैं कि स्कूल इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन को स्कूल में प्रवेश देने से इंकार नहीं कर सकते लेकिन स्कूल अक्सर मनमानी करते पाए जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी भी ईडब्लयूएस के लिए रिजर्व सीटें खाली हैं लेकिन स्कूल पात्र छात्रों को एडमिशन नहीं दे रहे.
हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका -
इस बीच स्कूल में प्रवेश न पाने पर एक बच्ची की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है. इस मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है जो उनसे कोई नहीं छीन सकता. कोर्ट ने आगे कहा कि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को घर से लाकर एडमिशन दें. जानते हैं हाईकोर्ट ने इस मामले में और क्या कहा और क्या है इस मामले में स्कूल और सरकार की जिम्मेदारी, साथ ही क्या हैं आपके अधिकार.
जानिए शिक्षा को लेकर क्या हैं बच्चों के अधिकार –
- शिक्षा के अधिकार कानून के तहत शिक्षा पाने के लिए स्कूल में दाखिला बच्चों का मौलिक अधिकार है.
- कानून के मुताबिक ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों को घर से लाकर स्कूल में एडमिशन दे.
- शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस समूह के बच्चों को फ्री एजुकेशन देने के लिए 25 प्रतिशत सीटें रिजर्व की गईं हैं.
- अगर कोई स्कूल तय मानकों के तहत एडमिशन नहीं देता है तो उसकी शिकायत संबंधित उप-शिक्षा निदेशक से की जा सकती है.
- इसके बाद भी एडमिशन न मिले तो दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग में अपील की जा सकती है.
- इसके बाद भी सुनवाई न हो तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है.
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