Delhi News: दिल्ली अध्यादेश पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि अमित शाह के पास बिल का समर्थन करने के लिए एक भी पुख्ता तर्क नहीं है. सीएम केजरीवाल ने इस बिल को दिल्ली वालों का अधिकार छीनने वाला बिल करार देते हुए कहा कि इंडिया (गठबंधन) ऐसा कभी नहीं होने देगा.
सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, "आज लोक सभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले बिल पर बोलते सुना. बिल का समर्थन करने के लिये उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है. बस इधर उधर की फ़ालतू बातें कर रहे थे. वो भी जानते हैं वो ग़लत कर रहे हैं. ये बिल दिल्ली के लोगों को ग़ुलाम बनाने वाला बिल है. उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला बिल है. INDIA ऐसा कभी नहीं होने देगा.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में क्या कहा?
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं. समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्ज़ा करना है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मेरा सभी पक्ष से निवेदन है कि चुनाव जीतने के लिए किसी पक्ष का समर्थन या विरोध करना, ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए. नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं. विधेयक और क़ानून देश की भलाई के लिए लाया जाता है इसलिए इसका विरोध और समर्थन दिल्ली की भलाई के लिए करना चाहिए."
केंद्रीय गृहमंत्री ने ये भी कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी, राजेंद्र प्रसाद और डॉ. अंबेडकर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के विरोध में थे. उन्होंने कहा कि यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संदर्भित करता है जो कहता है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है.