दिल्ली के सर्विस विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले के बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को ही पलट दिया. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक सीएम अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी से सांसद, विधायक,मंत्री और कार्यकर्ता सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक अब इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं.


रविवार के दिन जहां दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को बिहार के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित विपक्षी दलों का भी समर्थन प्राप्त हुआ और सीएम केजरीवाल ने जल्द ही दिल्ली के घर घर जाकर जनता से इस विषय पर बीजेपी की सच्चाई बयां करने का ऐलान भी किया है. दूसरी तरफ राजधानी में छिड़े सियासी जंग में दिल्ली भारतीय जनता पार्टी संगठन एक नई रणनीति के साथ काम करेगी और जनचेतना यात्रा के माध्यम से ही राजधानी के लोगों को इस अध्यादेश की आवश्यकता के बारे में बताएगी.


आखिर क्यों पड़ी अध्यादेश की जरूरत


एबीपी लाइव ने बीजेपी प्रवक्ता खेमचंद शर्मा से जब सवाल पूछा कि देश की सबसे बड़ी अदालत का इस विषय पर निर्णय आने के बाद अध्यादेश लाने की क्यों आवश्यकता पड़ गई और उसके बाद पुनर्विचार याचिका भी, तो जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि 1 हफ्ते के अंदर ही यह पता चल गया कि राज्य की सर्विसेज मामले में अधिकार मिलने के बाद आम आदमी पार्टी ने संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि जबरदस्ती अफसरों पर नीति थोपी गई और मनमाने तरीके से अधिकारियों का ट्रांसफर शुरू हो गया. वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने पूरे संवैधानिक मूल्यों के अनुसार ही दिल्ली के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए संसद से यह अध्यादेश लाया है.


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जन चेतना यात्रा में जुड़ेंगे राजधानी से


आम आदमी पार्टी को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल रहा है तो आप कैसे उन्हें जवाब देंगे? इस सवाल के जवाब में बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी द्वारा अगले 1 महीने तक केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा शुरू की गई योजनाओं का जिक्र जनचेतना यात्रा के माध्यम से किया जा रहा है जिसमें हम सीधे दिल्ली की जनता से जुड़ रहे हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली से चुने हुए सांसदों ने इस मामले पर बैठक करते हुए यह निर्णय लिया है कि जनचेतना यात्रा के माध्यम से ही वह दिल्ली की जनता को प्रदेश सरकार के मनमानी रवैया और अध्यादेश की आवश्यकता के बारे में भी बताएंगे. आम आदमी पार्टी केवल इस मामले का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रही है ,और दिल्ली की जनता असली सच्चाई भलीभांति समझ भी रही है.