Delhi News: दिल्ली में 4.3 किलोमीटर लंबे ट्वीन ट्यूब रोड टनल (Twin Tube Road Tunnel) बनाने से जुड़े एक प्रस्ताव पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण कमिटी (DPCC) ने गुरुवार को सुनवाई की. इस टनल का उद्देश्य दिल्ली एयरपोर्ट ओर जाने के लिए महिपालपुर और अन्य इलाकों में लगने वाले जाम की समस्या को कम करना है. हालांकि, इस परियोजना के लिए दिल्ली में 400 से अधिक पेड़ों को भी काटना पड़ेगा. यही सबसे बड़ा चिंता का विषय है.


इस प्रस्तावित परियोजना की शुरुआत शिव मूर्ति इंटरचेंज से होगी और वसंत कुंज के नेल्सन मंडेला मार्ग पर यह खत्म होगी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक डीपीसीपी ने बताया कि परियोजना से जुड़े पर्यावरण के मुद्दे पर सुनवाई हुई, विशेषकर एनएच-148 ई के लिए सड़क सुरंग बनाने पर चर्चा हुई जो कि एनएच-248बीबी को जोड़ेगा. सुनवाई में जो बातें निकलकर आई हैं वह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेज दी जाएगी.


पर्यावरण पर पड़ने वाले असर को कम करेगा यह टनल
इस सुरंग की लंबाई 4.3 किलोमीटर है. डीपीसीसी के बयान के मुताबिक इस नए सुरंग का उद्देश्य भारी यातायात के दौरान सरल मार्ग उपलब्ध कराना, गुरुग्राम और शहर की संकरी सड़कों के कारण पैदा हुए ट्रैफिक से एनएच-48 को जाम से बचाना है. यह टनल पूरी तरह से अंडरग्राउंड होगा. माना जा रहा है कि यह पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करेगा और साथ ही ट्रैफिक की गति में सुधार करेगा.


यह छह लेन का टनल होगा, जिसके साथ नेल्सल मंडेला मार्ग पर छह लेन का सड़क भी होगा. यह व्यस्ततम अवधि में बिना कोई बड़ी बाधा के ट्रैफिक में बदलाव को सरल बनाने में मदद करेगा. हालांकि, जिस जगह इसका निर्माण होगा. वहां के 417 पेड़ों को काटना पड़ेगा. इसे देखते हुए 77.53 करोड़ रुपये की लागत का एक समग्र पर्यावरण प्रबंधन प्लान तैयार किया गया है.


टनल की यह परियोजना नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की है, जिसे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से इसका ब्यौरा या यों कहें कि टर्म्स ऑफ रेफ्रेंस मिल गया है.


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