Delhi Dehat News: वर्षों से लंबित चले आ रहे दिल्ली देहात के विभिन्न मुद्दों को लेकर ग्रामीणों ने अब सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है. दिल्ली देहात के लोग पालम 360 गांव के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में हजारों लोग रविवार को जंतर-मंतर पहुंचे. ग्रामीणों ने महापंचायत कर दिल्ली देहात की समस्याओं पर चर्चा की और अब तक इस पर सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम न उठाए जाने को लेकर नाराजगी भी जाहिर की. 


इस दौरान लोगों ने उनकी समस्या का समाधान न होने पर आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात भी कही. पालम 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी के आह्वान पर आयोजित महापंचायत में दिल्ली के 360 गांवों के निवासी शामिल हुए थे. 


पालम 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने गांवों के मुद्दों का 15 दिन में समाधान नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी. इस मौके पर चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि दिल्ली की बनावट और तरक्की में दिल्ली देहात के लोगों का सबसे बड़ा योगदान है. मगर आज दिल्ली के गांव ना शहर रह गए, ना गांव. इनकी हालत स्लम इलाकों जैसी हो गई है. 


दिल्ली देहात के वर्षों से लंबित मामलों और समस्याओं को लेकर सरकारों की बेरुखी अब बर्दाश्त के बाहर है. आज दिल्ली के ग्रामीणों का ये जनसैलाब अपने हक और न्याय की लड़ाई को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर आने को मजबूर हुआ है.


अब आर पार की होगी लड़ाई 


चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने आगे कहा कि हमने पिछले साल जिन मुद्दों को लेकर महापंचायत की थी उसमें से कुछ एक को छोड़कर सारी समस्याएं जस की तस हैं. इस बार दिल्ली देहात के लोगों ने ठान लिया है कि अब लड़ाई आर पार की होगी. इस बार हमने तय कर लिया है कि अब झूठे आश्वासन नहीं, हमें पूरे सम्मान के साथ हमारी सारी मुश्किलों का समाधान चाहिए. हमने एक साल तक धैर्य से दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री से लगातार समस्या समाधान को लेकर गुहार लगाई. दो-तीन समस्याओं का समाधान भी कराया. मगर अब दिल्ली देहात के लोग मन बना चुके हैं कि इस बार समस्याओं का पूर्ण समाधान के लिए लड़ाई निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे. 


दिल्ली देहात मांगें



  • दिल्ली के गांव में बंद पड़ी भूमि म्यूटेशन की प्रक्रिया को पुनः बहाल हो.

  • धारा 74/4 के तहत भूमि आवंटित करने वाले गरीब किसानों को मालिकाना हक मिले.

  • जिन लोगों की भूमि अधिग्रहित की गई है, उन्हें सरकारी योजना के अनुसार वैकल्पिक भूखंड आवंटित किए जाएं.

  • सरकार की स्वामित्व योजना के तहत बिना किसी स्टांप ड्यूटी के ग्रामीणों को पैतृक संपत्ति का मालिकाना हक दिया जाए.

  • 2041 मास्टर प्लान की अधिसूचना, संशोधित भूमि पूलिंग नीति और गांवों को स्मार्ट गांवों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.

  • धारा 81 और 33 को रद्द किया जाना चाहिए और धारा 81 के तहत दर्ज मामले वापस लिए जाएं. सीलिंग और तोड़फोड़ अभियान को रोका जाना चाहिए.

  • गांवों में एमसीडी का हस्तक्षेप बंद किया जाए. गांवों में बिजली कंपनी की दादागिरी बंद की जाए और गांवों में तुरंत मीटर लगाए जाएं.

  • पूर्व में भर्ती किए गए होमगार्डों को हटाने के आदेश वापस लिए जाएं और उन्हें 60 वर्ष की आयु तक आवश्यक सुविधाएं और लाभ देकर सेवा में रखा जाए.


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