Bikaner House Attachment News: बीकानेर हाउस की कुर्की मामले में राजस्थान सरकार को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में स्थित बीकानेर हाउस की कुर्की पर सशर्त रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर बकाया राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 7 जनवरी 2025 को होगी, तब तक कुर्की के आदेश पर रोक रहेगी.
कोर्ट के इस आदेश के बाद ऐतिहासिक और प्रशासनिक रूप से महत्वपूर्ण बीकानेर हाउस राज्य सरकार के नियंत्रण में ही रहेगा, जिससे सरकारी कार्यों में कोई बाधा नहीं आएगी. अदालत ने कहा है कि नोखा नगर पालिका अगले आदेश तक बीकानेर हाउस को लेकर कोई फैसला या काम नहीं कर पाएगी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट ने एनवायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स के बीच विवाद के बाद राजस्थान नगर पालिका नोखा को 50.31 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था. अदालत ने ये फरमान 21 जनवरी 2020 को जारी किया था. इसके बावजूद नोखा नगर पालिका ने कंपनी को भुगतान नहीं किया. समझौते का पालन नहीं करने पर पाटियाला हाउस कोर्ट की कमर्शियल कोर्ट ने बीकानेर हाउस को कुर्क करने आदेश जारी किया था.
कब बना था बीकानेर हाउस?
दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस का इतिहास बहुत समृद्ध रहा है. बीकानेर के रियासत के राजा महाराजा गंगा सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत के दौरान इसे बनाया था. बीकानेर हाउस शाही परिवार के दिल्ली निवास के रूप में काम करता था. इसे 18 फरवरी, 1929 को सम्मानित मेहमानों के ठहरने के लिए बनाया गया था. 1947 में भारत की स्वतंत्रता के पहले शाही परिवार के सदस्यों ने यहीं पर बैठक अपने भविष्य की रूपरेखा तैयार की और भारत में बने रहने का फैसला लिया था.