दिल्ली सरकार ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की प्रति व्यक्ति आय चालू वित्त वर्ष में लगभग 14 फीसदी बढ़कर 4,44,768 रुपये प्रति वर्ष हो गई है जो राष्ट्रीय औसत से 158 फीसदी अधिक है. केजरीवाल सरकार ने ‘सांख्यिकी हैंडबुक-2023’ जारी करते हुए यह जानकारी दी. दिल्ली सरकार के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी के सामाजिक-आर्थिक मापदंडों के आंकड़ों वाली यह पुस्तिका जारी की है.
इसके मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 4,44,768 रुपये हो गई जबकि एक साल पहले यह 3,89,529 रुपये थी. इस तरह इसमें सालाना आधार पर 14 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है. लेकिन राष्ट्रीय औसत की तुलना में यह 158 फीसदी अधिक है.
योजना विभाग की मंत्री आतिशी ने पुस्तिका के विमोचन पर कहा कि विभिन्न बाधाओं के बावजूद केजरीवाल सरकार ने 2023 में सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने राजधानी में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार किया और बीते वर्ष प्रतिदिन औसतन 41 लाख यात्रियों ने बसों से यात्रा की.
आतिशी ने कहा कि दिल्ली देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति की अगुवाई कर रही है. शहर की सड़कों पर फिलहाल 7,200 बसें चल रही हैं जिनमें 1,300 इलेक्ट्रिक बसें हैं.
दिल्ली सरकार ने नए सांख्यिकीय आंकड़ों के हवाले से कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 2.8 लाख बढ़ गई और एक लाख से अधिक पानी के कनेक्शन जोड़े गए.
केजरीवाल सरकार की मुफ्त बिजली योजना के तहत 2022-23 में शून्य राशि के 3.41 करोड़ से अधिक बिजली बिल बने. मुफ्त बिजली योजना में 200 यूनिट तक मासिक बिजली उपयोग मुफ्त है. सरकारी बयान के अनुसार, देश में न्यूनतम मजदूरी का सर्वाधिक स्तर दिल्ली में है. यहां अकुशल श्रमिकों के लिए 17,494 रुपये, अर्द्ध-कुशल श्रमिकों के लिए 19,279 रुपये और कुशल श्रमिकों के लिए 21,215 रुपये की न्यूनतम मजदूरी मिलती है. सरकार इसमें हर छह महीने पर संशोधन करती है.
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