Delhi Plastic Waste: दिल्ली की सड़कों पर आप भी तो नहीं करते ये काम, पड़ेगा भारी, लगेगा इतना जुर्माना
Delhi Plastic Waste News: दिल्ली नगर निगम के मुताबिक यदि किसी ने चलते वाहन की खिड़की से प्लास्टिक की बोतलें, रैपर या कैन जैसी वस्तुओं को सड़कों पर फेंका तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
Delhi News: अगर आप भी सड़क पर गाड़ी से चलने के दौरान प्लास्टिक, कैन और रैपर आदि कचड़ा सड़कों पर फेंकते हैं तो अब अपनी आदतों को बदल लें, नहीं तो आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है और दो हजार रुपये का जुर्माना आप पर लग सकता है. जी हां, राजधानी दिल्ली को स्वच्छ बनाए रखने की कवायद में दिल्ली नगर निगम ने यह कदम उठाया है, जिसके तहत अब खुले में प्लास्टिक कचड़ा फेंकने वालों पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की यदि किसी ने चलते वाहन की खिड़की से प्लास्टिक की बोतलें, रैपर या कैन जैसी वस्तु सड़कों पर फेंकी तो उनके के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और दो हजार का जुर्माना लगेगा. इसी तरह किसी कार्यक्रमों के दौरान कचड़ा फैलाने या फेंकने वालों पर भी सख्ती बरती जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
प्लास्टिक कचड़ा जलाने पर कितना लगेगा जुर्माना
वहीं, खुले में प्लास्टिक कचड़ा जलाने पर 5 हजार रुपये जुर्माना लगेगा. अधिकारी ने बताया है कि वर्तमान में प्लास्टिक कचड़ा फैलाने वालों पर जुर्माना नहीं लगता है. इसलिए प्लास्टिक कचड़ा प्रबंधन नियम 2016 को बदलकर उसे 2023 के तहत अधिसूचित किया जाएगा. इसके लिए इसे निगम की सदन की बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया है.
कोलकाता और मुंबई से ज्यादा प्लास्टिक कचड़ा दिल्ली से
एक एनजीओ विज्ञान और पर्यावरण केंद्र (सीएसई) की वर्ष 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केवल दिल्ली से हर दिन 689.8 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचड़ा निकलता है, जबकि कोलकाता से 429.5 और मुंबई से 427.1 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचड़ा प्रतिदिन निकलता है.
कचड़ा प्रबंधन के इन नियमों का पालन करना अनिवार्य
● 100 किलो प्रतिदिन कूड़े को उत्पन्न करने वालों को प्लास्टिक कचड़ा प्रबंधन नियम 2023 के मद्देनजर निर्धारित किए जाने वाले सभी नियमों को मानना होगा. इसमें केंद्र सरकार के विभाग, पीएसयू राज्य सरकार के विभाग और उसके अधीन कार्य करने वाले एजेंसिया, नगर निकाय, निजी कंपनियां, अस्पताल, नर्सिंग होम, शिक्षण संस्थान आदि भी शामिल हैं, जिन्हें प्लास्टिक कचड़े के नियमों का पालन करना होगा.
● इन सभी को प्लास्टिक कचरे के उत्पादन को कम करने के लिए प्रयास करना होगा. इसमें प्लास्टिक कचड़े को बैगों में भरकर रखना होगा.
● एजेंसी हर जगह जाकर प्लास्टिक कचड़े को इकट्ठा करेगी, जिसके बाद प्लास्टिक के निस्तारण की कार्य प्रणाली तैयारी की जाएगी.
● प्लास्टिक पैकेजिंग का उपयोग करते हुए खाने की वस्तुओं का काम करने वाली कंपनियों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी प्लास्टिक को इकट्ठा करना होगा.
● खाने के ठेले लगाने वाले विक्रेताओं को प्लास्टिक कचड़े को अलग करना होगा.
ये भी पढ़ें- Shaheedi Park: दिल्ली के शहीदी पार्क में उम्मीद के मुताबिक नहीं पहुंच रहे दर्शक, अब MCD का प्लान जान हो जाएंगे खुश