Delhi News Today: साइबर ठग बीते कुछ दिनों से TRAI की तरफ से लोगों को कॉल करके या मैसेज भेज कर उनके सिमकार्ड को ब्लॉक करने की धमकी देकर या फिर 4G से 5G में अपग्रेड करने का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं. इस तरह की ठगी के सैकड़ों मामले बीते कुछ दिनों में साइबर फ्रॉड पोर्टल पर दर्ज किया गया है.
साइबर ठग फोन कर कंज्यूमर्स को डराते हैं कि दो घंटे के भीतर आपका सिम कार्ड ब्लॉक होने वाला है. दूसरी तरफ वह सिम कार्ड को ऑनलाइन 4G से 5G में अपडेट कराने का भी झांसा देते हैं. इस तरह के मैसेज या कॉल ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑधारिटी ऑफ इंडिया) के नाम से लोगों को करके उनके साथ ठगी कर रहे हैं.
ठगों के निर्देशों का न करें पालन
इस तरह की कॉल आने पर सावधान हो जाएं और ठगों के किसी भी तरह के निर्देशों का पालन न करें, क्योंकि इस तरह की कॉल ट्राई की तरफ से नहीं बल्कि जालसाजों की ओर से की जाती है. ट्राई की ओर से यह साफ किया जा चुका है कि वह किसी भी प्रकार की कॉल मोबाइल धारकों को नहीं करते हैं. इस तरह की कॉल आने पर नजदीकी थाने या साइबर सेल में शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
दिल्ली के व्यवसायी हुए ठगी के शिकार
इस तरह के एक ठगी का शिकार हुए दिल्ली के जसपिंदर सिंह सचदेवा, जब वह ओखला स्थित अपने ऑफिस में बैठे हुए थे तभी उनके मोबाइल पर एक टेलीकॉम कंपनी के नाम से कॉल आयी. जिसमें उन्हें कहा गया कि "आपके 4G सिम को 5G कर देंगे." कॉल करने वाले ने उन्हें ऐप पर जाने को कहा. जिसके बाद सिम को अपडेट करने के लिए मोबाइल को स्विच ऑफ करके ऑन करने को कहा.
जसपिंदर सिंह सचदेवा ने जब फोन ऑन किया तो उन्हें, उनके बैंक खाते से 75 हजार रुपये निकाल लिए जाने का पता चला. जिस पर उन्होंने तुरंत दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में केस दर्ज कराया. हालांकि 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के जरिये इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
ऐसे करते हैं ठगी
ट्राई के नाम का इस्तेमाल कर जासलाज पहले मोबाइल धारक को डराते हैं. इस तरह की कॉल करके मोबाइल धारक को बताया जाता है कि उसका सिम कार्ड दो घंटे में बंद हो जाएगा. इससे संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए नौ दबाएं. नौ दबाते ही लाइन पर एक शख्स बात करता है, जो खुद को ट्राई का अधिकारी बताता है.
वह मोबाइल धारक को प्रवर्तन निदेशालय, फेमा, कस्टम, पीएमएलए एक्ट आदि के नाम पर डराता है. इस दौरान वह संबंधित के बैंक खातों में रखी रकम को ठगने का प्रयास करता है. इस तरह के सैकड़ों मामले बीते दिनों साइबर फ्रॉड पोर्टल पर दर्ज किए गए हैं.
- नागरिकों को दुर्भावनापूर्ण और फिशिंग एसएमएस भेजने में शामिल 52 प्रमुख संस्थाओं को काली सूची में डाला गया है.
- दूरसंचार ऑपरेटरों से संपर्क कर 348 मोबाइल हैंडसेट ब्लैकलिस्ट किए गए हैं.
- 10 हजार 834 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को दूरसंचार ऑपरेटरों को दोबारा सत्यापन के लिए भेजा गया, इनमें से 8 हजार 272 कनेक्शन काटे गए हैं.
- साइबर अपराध या वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल होने के कारण पूरे भारत में 1.86 लाख मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए गए हैं.
स्पेशल सेल के डीसीपी ने दी ये सलाह
स्पेशल सेल IFSO के हेमंत तिवारी ने लोगों को सलाह दी है कि वे ऐसे किसी भी कॉल के निर्देशों का अनुसरण न करें और न ही ऐसे कॉल या मैसेज आने पर घबराएं. उन्होंने कहा कि ट्राई के नाम से सिम कार्ड ब्लॉक करने की धमकी भरे कॉल से डरने की जरूरत नहीं है. बस कॉल को कट करदें क्योंकि इस तरह की कॉल जालसाज करते हैं.
IFSO के हेमंत तिवारी के मुताबिक, इस तरह के नंबर पर अगर वापस कॉल करेंगे तो वह बंद मिलेगा. किसी प्रकार का संशय हो तो सिम कार्ड कंपनी से संपर्क करें. ऐसी कॉल करने वाले को अपनी निजी और बैंक से संबंधित जानकारी न दें. इस तरह की कॉल या मैसेज आने पर साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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