Delhi Police ने लूट के मामले में मास्टरमाइंड सहित 3 को किया गिरफ्तार, पूछताछ में आरोपियों का खुलासा, इन महिलाओं को...
Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोपियों ने बताया कि वो लूट के लिए केवल जस्ट डायल, ऑनलाइन सर्च के जरिए सिर्फ कॉल गर्ल ओरस्पा सेंटर की महिलाओं को अपना निशाना बनाते थे.

Delhi News: दिल्ली के शाहदरा जिले की स्पेशल स्टाफ पुलिस टीम ने लूटेरों के एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ करने में कमायाबी पाई है, जो नकली पुलिसकर्मी बन कर लूटपाट की वारदात को अंजाम देते थे. खास बात यह है कि गैंग के सदस्य केवल कॉल गर्ल और स्पा सेंटरों को ही अपना निशाना बनाते थे. इसके लिए वे जस्ट डायल और वेब सर्च की सहायता लेते थे. इस मामले में पुलिस ने मास्टरमाईंड समेत कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान, जीशान उर्फ सानू, अमजद और इमरान के तौर पर हुई है. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से पुलिस स्टिकर, सायरन के साथ वॉकी टॉकी, मोटरसाइकिल, पुलिस की वर्दी आदि बरामद की है. इसका इस्तेमाल आरोपी अपराध को अंजाम देने में किया करते थे.
शाहदरा जिला की डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि सीमापुरी इलाके में एक के बाद एक दो जगह पर लूटपाट की सूचना मिली थी. जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि पुलिस अधिकारी बनकर आए लोगों ने लूटपाट की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई. इसके लिए एसीपी ऑपरेशन गुरुदेव सिंह की देखरेख में स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर विकास कुमार के नेतृत्व में एसआई प्रशांत, सुनील, एएसआई प्रमोद, संजीव, हेड कॉन्स्टेबल अनुज, सर्वेश, विजय, राकेश, सुनील, राजीव, राजेश, मनोज (टेक्निकल सर्विलांस यूनिट) और कॉन्स्टेबल लवप्रीत की टीम का गठन किया गया था.
पुलिस को ऐसे मिला आरोपियों का सुराग
जांच में जुटी पुलिस टीम ने घटनास्थल और उसके आसपास लगे दर्जनों सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को खंगाला. जांच में पता चला कि बदमाश दो मोटरसाइकिल से पहुंचे थे, जिसमें एक यामाहा मोटरसाइकिल भी शामिल थी. वहीं, घटनास्थल की जांच में पुलिस टीम को पेपर का एक छोटा सा टुकड़ा मिला, जो आरोपियों कि फाइल से गिर गया था. पेपर अप्रैल 2023 के ऑनलाइन पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी ) का प्रिंटआउट था. जिस पर पुलिस टीम ने विशेष शाखा में संबंधित जांच अधिकारी से इस बारे में पूछताछ की और आवेदक की जानकारी ली, जो नेपाल में था.
ट्रैप लगा मास्टरमाईंड को दबोचा
पुलिस ने आवेदक से संपर्क कर उससे लंबी पूछताछ की. जिसमें यह पता चला कि उसने पीसीसी फॉर्म का प्रिंट आउट शानू नामक एक व्यक्ति को दिया था, जो घोंडा, मौजपुर में रहता है. उसने आवेदक के सामने खुद को दिल्ली पुलिस के पुलिस अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया था और उसका सत्यापन कराने का आश्वासन दिया था. जिस पर टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से उसके लोकेशन को ट्रेस किया और ट्रैप लगा कर कथित जीशान उर्फ शानू को दबोच लिया. बाद में उससे पूछताछ के आधार पर की गई छापेमारी में दो और बदमाशों को भी गिरफ्तार किया गया. आरोपियों के कब्जे से पुलिस स्टिकर, सायरन, वॉकी टॉकी, मोटरसाइकिल, पुलिस की वर्दी, फर्जी आई-कार्ड आदि भी बरामद की गई.
कॉल गर्ल-स्पा सेंटर के नम्बर-एड्रेस
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि जीशान ऊर्फ शानू इस गैंग का मास्टरमाइंड है. वह अपने सहयोगी जुबेर और समीर के माध्यम से दिल्ली पुलिस की वर्दी का प्रबंध करता था. वह जस्ट डायल पर कॉल कर स्पा और मसाज सेंटर का पता और फोन नंबर लेता था. जिसके बाद अमजद नकली ग्राहक के रूप में टारगेट प्लेस पर पहले जाता था और फिर उसके इशारे पर गिरोह के बाकी सदस्यों खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उस स्थान पर छापा मारते. इमरान खुद को कांस्टेबल अशोक राणा बताता था और आरोपी जीशान उर्फ शानू खुद को एसआई जाकिर खान और फर्जी छापा मारने वाली टीम का लीडर बताता था.
फर्जी आईडी और पुलिस फाईल का करते थे इस्तेमाल
वे अपने साथ वॉकी टॉकी, फर्जी आई-कार्ड और पुलिस फाइल लेकर जाते थे. ताकि किसी को उन पर शक न हो. वे स्पा और मसाज सेंटर में मौजूद लोगों से मोबाइल फोन और नकदी लूटते थे और उनके साथ मारपीट भी करते थे. पूछताछ करने पर उन्होंने खुलासा किया कि वे जस्ट डायल और ऑनलाइन सर्च के माध्यम से कॉल गर्ल्स, स्पा, मसाज सेंटर का पता करते थे और फिर वहां जाकर लूट की वारदात को अंजाम देते थे. इस मामले में आगे की जांच जारी है.
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