Delhi Crime News: नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट से स्पेशल स्टाफ और सिविल लाइन्स थाने की पुलिस टीमों ने एमसीए चौक के कमला नेहरू पार्क के पास गन पॉइंट पर दिनदहाड़े एक कंपनी के एम्प्लॉई से ऑस्ट्रेलियन डॉलर सहित 28 लाख रुपये कैश लूट के सनसनीखेज मामले में शामिल रहे एक गिरोह के 4 बदमाशों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, कमल यादव, विजय तोमर, दीन बंधु और सोमवीर के रूप में हुई है. ये दिल्ली के खजूरी, शहादरा, यूपी के बागपत और गाजियाबाद इलाके के रहने वाले हैं.
पहले से हत्या के कई मामले दर्ज
पुलिस के अनुसार, इनके कब्जे से 4 सेमीऑटोमैटिक पिस्टल, 4 मैग्जीन, 11 जिंदा कारतूस, 2 देशी कट्टे सहित 2 जिंदा कारतूस और साढ़े 6 लाख कैश बरामद किया गया है. दीन बंधु इस गैंग का मास्टरमाईंड है. सोमवीर, कमल और विजय के साथ मिल कर ये गैंग लोगों से गन पॉइंट पर लूट की वारदातों को अंजाम दिया करते था. आरोपियों पर पहले से हत्या के कई मामले दर्ज हैं. उन मामलों में उन्हें सजा भी मिली थी, लेकिन बेल पर बाहर निकलने के बाद ये सभी मिलकर लूट को अंजाम देने लगे.
ऑस्ट्रेलियन डॉलर सहित 28 लाख कैश लूट
पुलिस के अनुसार 19 दिसंबर को MAC FOREX & HOLIDAYS PVT LTD के एक एम्प्लॉई जगतपाल ने पुलिस को दी गयी शिकायत में बताया कि, उन्होंने कम्पनी के एक और एम्प्लॉई गरीब कुमार के साथ चांदनी चौक के कुचा घासी राम से ऑस्ट्रेलियन डॉलर सहित कुल 28 लाख रुपये कैश कलेक्ट किया था. बाइक से वापस लौटने के दौरान जब एमसीडी चौक के कमला नेहरू पार्क के पास पहुंचे थे, तो बाइक सवार दो अनजान लोगों ने गन पॉइंट पर उनसे कैश वाला बैग लूट लिया. वो मौके से फरार हो गए. इस मामले में सिविल लाईन्स थाने में मामला दर्ज किया गया था.
स्पेशल स्टाफ और सिविल लाईन्स पुलिस को मिली कामयाबी
पिछले कुछ महीनों में लगातार हुई कैश लूट की वारदातों और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने 2 टीमों का गठन किया. एसीपी ऑपरेशन धर्मेंद्र कुमार के मार्गदर्शन में स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर अजय कुमार की देखरेख में एसआई रोहित के नेतृत्व में पहली टीम का गठन किया. इसमें एसआई प्रवीण शर्मा, सुरेंद्र, एएसआई हरफूल, राजीव कुमार, जगोम, अंसार खान, विनोद, हरसिकन्दर, यतेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल अमित, रवि, कॉन्स्टेबल सचिन शामिल थे. वहीं दूसरी टीम का गठन एसएचओ सिविल लाइन्स अजय कुमार की देखरेख में किया गया. इसमें एसआई रुस्तम, हेड कॉन्स्टेबल शिव कुमार और मनीष शामिल थे.
पहले भी लूट की कई वारदातों में शामिल
पुलिस टीम ने सीसीटीवी फूटेजों की जांच कर उनका विश्लेषण किया. इसके बाद उससे प्राप्त जानकारियों के आधार पर सूत्रों को सक्रिय किया. साथ ही पुलिस लगातार उनके बारे में जानकारियां जुटाने में लगी रही. आखिरकार पुलिस टीम को उनके बारे में कुछ जानकारी मिली, जिससे उन्हें पता चला कि सिविल लाईन्स थाना इलाके में हुई कैश लूट की वारदात में शामिल रहे बदमाशों ने चांदनी चौक के कुचा घासी राम इलाके से जुड़ी कई अन्य लूट की वारदातों को भी अंजाम दिया था.
सीसीटीवी, 500 डोजियर और टेक्निकल सर्विलांस से हुई आरोपियों की पहचान
जिसके बाद पुलिस टीम ने पहले हुई इस तरह की वारदातों में शामिल रहे संदिग्धों की तस्वीरों को मामले की छानबीन में जुटी सिविल लाईन्स थाने की दूसरी टीम को भेजा. जिन्होंने वर्तमान और पहले हुए वारदातों के सीसीटीवी फूटेजों में दिख रहे संदिग्धों के एक ही होने की पुष्टि की. जिसके बाद पुलिस टीम ने 500 से भी ज्यादा डोजियर का विश्लेषण किया. आखिरकार डोजियर, सीसीटीवी फूटेजों और टेक्निकल सर्विलांस की साहायता से पुलिस टीम आरोपियों की पहचान, कमल यादव, विजय तोमर, दीन बंधु और सोमवीर के रूप में करने में कामयाब हुई. पुलिस को ये भी पता चला कि आरोपी वारदात के बाद से ही फरार चल रहे थे. पुलिस लगातार इनके बारे में पता करने में लगी हुई थी. आखिरकार पुलिस को इनके उत्तरप्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब के अलग-अलग लोकेशन में छुपे होने का पता चला.
उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और हरियाणा में भी मारे छापे
सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर स्पेशल स्टाफ और सिविल लाईन्स थाने की जॉइंट टीम ने आरोपी कमल यादव को दबोचा. उससे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के कई ठिकानों पर छापेमारियां की और विजय तोमर को पकड़ने के साथ ही 1.70 लाख रुपये कैश बरामद किया. विजय तोमर से पूछताछ में पुलिस को दीनबंधु और सोमवीर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुईं. जिसके आधार पर पुलिस ने कई राज्यों में उनकी तलाश की. आखिरकार, पुलिस को उनके यूपी के गाजियाबाद में होने का पता चला.
मुठभेड़ के बाद मास्टरमाईंड सहित 2 को दबोचा
इसी बीच पुलिस को गुप्त सूत्रों से दिल्ली में उनके मूवमेंट का पता चला. जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए पुलिस ने उन्हें हिन्दू राव हॉस्पिटल के पास उस वक्त घेर लिया, जब वो एक बार फिर से उसी तरह से कैश लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए अपने शिकार का पीछा कर रहे थे. पुलिस को देखते ही वो जंगलों की तरफ भागे और पुलिस टीम पर फायरिंग करने लगे. फायरिंग में गोली पुलिस के बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी. पुलिस टीम ने भी जवाबी फायरिंग करते हुए 2 राउंड गोलियां चलाईं और उन्हें दबोचने में कामयाब हुई. उनके कब्जे से 2 सेमीऑटोमैटिक पिस्टल, 2 कंट्री मेड पिस्टल, 4 एक्स्ट्रा मैग्जीन, 20 जिंदा कारतूस बरामद किया गया. जिसे जब्त कर पुलिस ने सिविल लाईन्स थाने में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जांच के दौरान पुलिस ने सोमवीर की निशानदेही पर 2 और सेमीऑटोमैटिक पिस्टल और 93 जिंदा कारतूस, जबकि दीनबंधु की निशानदेही पर 6 लाख रुपये कैश बरामद किया.
आधे दर्जन मामलों का खुलासा
इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है. इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने सिविल लाईन्स, कोतवाली, डीबीजी रोड, पंजाबी बाग और बारा हिन्दू राव थानों के कुल आधे दर्जन मामलों का खुलासा करने में कामयाबी पाई है.