Delhi News Today: पश्चिमी जिला की स्पेशल स्टाफ पुलिस ने दो कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. दोनों बदमाशों ने सैकड़ों लूट और स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देकर दिल्ली पुलिस की नींद उड़ा दी थी.
दोनों बदमाश इतने शातिर हैं कि एक ने 202 और दूसरे ने 107 आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया है. इनकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय राजधानी के अलग-अलग थानों में दर्ज ढाई दर्जन मामलों का खुलासा करने का दावा किया है.
इन मामलों में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान संदीप उर्फ कालिया (40) और संदीप (38) के तौर पर हुई है. ये दिल्ली के अमन विहार और जेजे कॉलोनी शाहाबाद के रहने वाले हैं. आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने वारदातों में प्रयुक्त चोरी की एक स्कूटी और एक बाइक बरामद की है.
कालिया पर दर्ज हैं 202 से आपराधिक
डीसीपी विचित्र वीर के मुताबिक, आरोपी संदीप उर्फ कालिया अपने जवानी के दिनों से गोल्ड चेन की स्नैचिंग की वारदातों में लिप्त रहा है. इसके खिलाफ स्नैचिंग, आर्म्स एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, रॉबरी और मकोका जैसे 202 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
आरोपी संदीप उर्फ कालिया को साल 2004 में पहली बार गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद वह एक के बाद एक करके लगातार वारदातों को अंजाम देने लगा. 2007 में इसे और इसके साथियों को मकोका एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था.
दूसरा आरोपी पैरोल जंप कर हुआ फरार
पांच साल बाद 2012 में यह जेल से बाहर निकला और फिर से वारदातों को अंजाम देने लगा. दूसरा आरोपी संदीप भी अपने जवानी के दिनों से ही गोल्ड स्नैचिंग करता आ रहा है. इस पर स्नैचिंग, रॉबरी, आर्म्स एक्ट और मर्डर जैसे 107 आपराधिक मामले चल रहे हैं.
साल 2020 में शाहबाद डेयरी थाना इलाके में एक मर्डर के मामले में दूसरे आरोपी संदीप को गिरफ्तार किया गया था. 10 मई 2024 को हाई कोर्ट ने इसे अपने भाई कुलदीप की मौत पर पैरोल पर रिहा किया था और इसे 20 मई 2024 को वापस सरेंडर करना था, लेकिन यह पैरोल जम्प कर फरार हो गया. इसकी मां भी एनडीपीएस एक्ट में जेल में सजा काट रही है.
आरोपियों तक कैसे पहुंची पुलिस?
डीसीपी ने बताया कि हाल के दिनों में स्नैचिंग और लूट खास तौर पर चेन स्नैचिंग की वारदातों को देखते हुए फील्ड में तैनात कर्मियों को खास दिशानिर्देश दिए गए थे, जिससे आरोपियों की पहचान की जा सके. इसके लिए थाना और सब-डिवीजन स्तर पर कई टीमों का गठन किया गया था.
इसके अलावा एसीपी ऑपरेशन अरविंद कुमार की देखरेख और पश्चिमी जिला की स्पेशल स्टाफ पुलिस के इंचार्ज इंस्पेक्टर राजेश मौर्या के नेतृत्व में एसआई ठाकुर सिंह, अनिल कुमार, एएसआई ऋषि, हेड कॉन्स्टेबल गौतम और अन्य टीम को भी ऐसे आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.
जिन्होंने शुरुआत से चेन स्नैचिंग के घटनाओं की सीसीटीवी जांच कर उनका विश्लेषण किया. डिजिटल और मैन्युअल इन्फॉर्मेशन की सहायता से आरोपियों का पता लगाना शुरू किया. आखिरकार ढाई सौ से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की जांच कर उनके रूट को फॉलो करने के बाद दोनों बाइक सवार बदमाशों के बारे में जानकारी मिली.
पुलिस रिसीवरों का पता लगाने में जुटी
दोनों बदमाश बाइक सवारों के बारे में टीम ने जानकारियों को विकसित करना शुरू किया. इसी क्रम में 6 अगस्त को गुप्त सूत्रों से पुलिस को रामा विहार इलाके में स्नैचरों के मूवमेंट की सूचना मिली. जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए पुलिस ने रामा विहार में ट्रैप लगा कर संदीप उर्फ कालिया को दबोच लिया.
बाद में सूचना के आधार पर पुलिस ने उसके एक सहयोगी संदीप को भी मोहन गार्डन इलाके से हिरासत में ले लिया. पुलिस इस मामले में दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद आगे की जांच में जुट गई है और इनके रिसीवरों के पहचान की कोशिश कर रही है.
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