Delhi Latest News: दिल्ली की आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने एक ऐसे जालसाज एजेंट को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाकर लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देता था. इस मामले में आरोपी की पहचान मनोज जायसवाल के रूप में हुई है. यह यूपी के गोरखपुर जिले का रहने वाला है. आरोपी एजेंट टिकट बुकिंग एजेंसी चलाता था और आधार कार्ड और पैन कार्ड अपडेट करने का काम भी करता था.
इस मामले में उसने थाईलैंड भेजने के लिए नए पासपोर्ट बनवाने के लिए आधार कार्ड में यात्रियों के क्रेडेंशियल तीन बार बदले, क्योंकि वह अपने पिछले पासपोर्ट पर ब्लैकलिस्टेड था. डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि, 21 अगस्त 2024 को एक भारतीय यात्री सतीश कुमार तिवारी निवासी गोरखपुर को डिपोर्ट करके थाईलैंड से इंडिया वापस भेजा गया था. वहीं उसके दस्तावेजों की जांच के दौरान उसकी फिंगरप्रिंट स्कैनिंग की गई, जो दो भारतीय नागरिकों सतीश तिवारी और सतीश कुमार से मिल रही थी.
क्या है पूरा मामला?
इसके बाद पता चला कि यात्री ने अपना पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाया था. उसकी वास्तविक पहचान सतीश कुमार तिवारी के रूप में हुई. यात्री के पास सतीश तिवारी के नाम से आधार कार्ड की एक प्रति, जबकि सतीश कुमार तिवारी के नाम से हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट, बर्थ सर्टिफिकेट आदि पाए गए. इसके बाद इंडियन इमीग्रेशन को धोखा देने के मामले में उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ के दौरान आरोपी यात्री ने खुलासा किया कि साल 2010 में उसने अपने मूल प्रमाण-पत्र सतीश कुमार तिवारी (जन्म तिथि 3.04.1987) के आधार पर अपना पासपोर्ट जारी करवाया और साल 2010 में अपने पासपोर्ट पर थाईलैंड की यात्रा की और वहां काम करने लगा. वहीं, साल 2016 में वह थाईलैंड से भारत वापस आ गया. हालांकि, वहां अधिक समय तक रहने के कारण उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था.
आरोपी ने आगे खुलासा किया कि वह फिर से काम करने के लिए थाईलैंड जाना चाहता था. इस वजह से वह 2018 में मनोज नाम के एक एजेंट से मिला, जो एक ट्रेवल एजेंसी चलाता था और आधार कार्ड और पैन कार्ड को अपडेट करने का काम करता था.
ब्लैक लिस्ट होने के बाद बनाया फर्जी दस्तावेज
एजेंट मनोज ने उसके आधार कार्ड में विवरण सतीश तिवारी (जन्मतिथि 10.05.1990) के रूप में अपडेट किया. इस आधार पर उसने अपना दूसरा पासपोर्ट जारी करवाया. दूसरे पासपोर्ट पर आरोपी 2018 में फिर से थाईलैंड की यात्रा की और ब्लैक लिस्ट में होने के कारण निर्धारित समय से अधिक रुकने के बाद साल 2020 में भारत वापस आ गया.
यात्री ने आगे खुलासा किया कि वापस आने के बाद उसने एजेंट मनोज को सारी बात बताईं, जिस पर उसने आगे आश्वासन दिया कि वह उसके आधार कार्ड में उसकी पहचान बदलने के बाद फिर से थाईलैंड की यात्रा की व्यवस्था करेगा.
इसके बाद एजेंट ने उसके आधार कार्ड में विवरण सतीश कुमार (जन्मतिथि 22/11/1971) के रूप में अपडेट किया और फिर से एक नया पासपोर्ट बनवाया. आरोपी सतीश कुमार तिवारी ने यह भी खुलासा किया कि उसने लखनऊ और कोलकाता इमिग्रेशन के सामने अपने दो पासपोर्ट सरेंडर कर दिए थे, जो कथित तौर पर गलत जानकारी का इस्तेमाल करके तैयार किए गए थे.
पुलिस ने दिल्ली से आरोपी एजेंट को दबोचा
इसके बाद एजेंट ने जुलाई 2024 में सतीश कुमार तिवारी के नाम से एक और पासपोर्ट की व्यवस्था की और थाईलैंड की अपनी यात्रा की भी व्यवस्था की, लेकिन थाईलैंड एयरपोर्ट पर उसके पहले पासपोर्ट का रिकॉर्ड पता चला और उसे वापस भारत भेज दिया गया. इसके बाद एजेंट मनोज जायसवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसकी गिरफ्तारी के लिए इंस्पेक्टर सुशील गोयल, एसआई विनोद और कांस्टेबल मुकेश और अन्य की टीम का गठन किया गया.
टीम ने जांच कर दौरान उसकी तलाश में कई जगह छापेमारियां की, लेकिन लगातार वह बचता रहा. आखिराकर पुलिस ने उसे दिल्ली से दबोच लिया. उंसके कब्जे से पुलिस ने कई फर्जी पासपोर्ट और आधार कार्ड बरामद किए हैं. पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह स्वीकारते हुए बताया कि उसने कई लोगों को ठगने के लिए फर्जी पासपोर्ट और आधार कार्ड बनाए थे. वह लोगों को विदेश भेजने के नाम पर पैसे लेता था और उन्हें फर्जी दस्तावेज देता था.
उसने बताया कि गिरफ्तार यात्री से उसने एक लाख रुपये लिए थे. उनके नए पासपोर्ट बनवाने के लिए तीन बार यात्री के आधार कार्ड क्रेडेंशियल्स अपडेट किए और उसकी थाईलैंड यात्रा की व्यवस्था भी की थी. आरोपी इस तरह के एक और मामले में भी शामिल पाया गया है.