Sangam Vihar Robbery Case: संगम विहार लूट कांड में दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा, किरायेदार के रिश्तेदार ने रची थी साजिश
Delhi Crime: दिल्ली पुलिस (Delhi police) की पूछताछ में एक आरोपी कलीम अख्तर डैन ने बताया कि वह किरायेदार नईम का भतीजा है. वह अक्सर उनके घर आया करता था. उसे उनकी हैसियत का भी अंदाजा था.
Delhi News: दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार थाना इलाके में बीते 3 दिसंबर को एक घर में घुसकर दिनदहाड़े हुई सनसनीखेज लूट के मामले का दिल्ली पुलिस एटीएस ने खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने लूट के मास्टरमाईंड समेत कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनकी पहचान, कलीम अख्तर उर्फ डैन, शादाब उर्फ पुइय्या, मोहम्मद ओवेश उर्फ काला, मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद सिजान उर्फ लंबू के रूप में हुई है. ये सभी यूपी के मेरठ के रहने वाले हैं.
लाखों के सोने-हीरों के आभूषण, हथियार बरामद
डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से 1 डायमंड ईयर टॉप्स- वजन 1.21 ग्राम, 1 डायमंड ईयर टॉप्स- वजन 1.15 ग्राम, हीरे की स्टड के साथ एक टुकड़ा सोने की धातु की बाली- वजन 0.31-ग्राम, हीरे के स्टड के साथ एक टुकड़ा सोने की धातु की बाली- वजन 0.29-ग्राम, हीरे की स्टड के साथ एक टुकड़ा सोने की धातु की बाली- वजन 0.32-ग्राम, एक टुकड़ा पिघली हुई सोने की धातु- वजन 7.98 ग्राम और 2 जिंदा कारतूस समेत एक देशी कट्टा पुलिस ने बरामद की है.
लूटेरों ने घर मे घुसकर लूट को दिया था अंजाम
डीसीपी ने बताया कि एक शिकायतकर्ता ने संगम विहार थाने की पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 3 दिसंबर की शाम 4 बजे जब घर में वे और उनकी मां दो लोग मौजूद थे, तभी चेहरा ढंके 4 अज्ञात लोग जबरन उनके घर मे घुस गए. उनमें से दो ने हथियार निकाल कर उनके ऊपर तान दी और पूरे घर की तलाशी कर कीमती हीरे और सोने के आभूषणों को लूट लिया. यहां तक कि उन्होंने उनकी मां के पहने गहनों को भी उतरवा लिया. लूट के बाद वे सभी मौके से फरार हो गए. शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर संगम विहार थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई.
सीसीटीवी फुटेज से मिला एक आरोपी का सुराग
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ऑपरेशन अभिनेन्द्र की देखरेख में एएटीएस के इंचार्ज इंस्पेक्टर उमेश यादव के नेतृत्व में एसआई दीपक महला, अमित कुमार, एएसआई अनिल कुमार, देशराज एवं अन्य की टीम का गठन कर आरोपियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ के लिए लगाया गया था. पुलिस ने शिकायतकर्त्ता से पूछताछ उनसे विस्तृत जानकारी हांसिल की और घटनास्थल के आसपास समेत तकरीबन 10 किलोमीटर इलाके के 100 से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेजों को खंगाला. जिसकी जांच में पुलिस को पता चला कि चारों लूटेरों के अलावा चेहरा ढंका इनका एक साथी घर के बाहर खड़ा हो कर इनके लौटने का इंतजार कर रहा था और उसने ही उन्हें इशारे से घर को दिखाया था. लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद वे सभी पैदल एमबी रोड तक गए और फिर वहां से उन्होंने ऑटो-टीएसआर लिया और गोविंदपूरी मेट्रो स्टेशन की तरफ गए. जिसके बाद वे गोविंदपुरी की तरफ एक ई-रिक्शा में नजर आए. जब पुलिस ने लूट के पहले के सीसीटीवी फुटेजों का विश्लेषण किया तो उन्हें कैब से आते देखा गया. उनमें से एक गोविंदपुरी के मेडिकल शॉप से मास्क खरीदता नजर आया. जिसकी पहचान, शिकायतकर्ता के बेटे ने अपने किरायेदार के रिश्तेदार के तौर पर की. पुलिस ने इस जानकारी को और विकसित कर अंतरराज्यीय खबरियों को सक्रिय किया और मानवीय बुद्धिमत्ता को एकत्रित किया.
मास्टरमाईंड समेत 5 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई और वे एक आरोपी की पहचान, कलीम अख्तर उर्फ डैन के रूप में करने में कामयाब हुए. सर्विलांस और तकनीकी विश्लेषण से पुलिस को उसका लोकेशन मेरठ, यूपी पता चला. जिस पर छापेमारी कर पुलिस ने उसे दबोच लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके चारों साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपियों ने वारदात में संलिप्तता की बात स्वीकारी. उनकी निशानदेही पर पुलिस ने लूटे गए आभूषण और 2 कारतूस समेत एक देशी कट्टा बरामद किया.
भतीजे ने रची थी लूट की साजिश
पूछताछ में आरोपी कलीम अख्तर उर्फ डैन ने बताया कि वह शिकायतकर्ता के किरायेदार नईम के दूर का रिश्तेदार (भतीजा) है. वह अक्सर उनके घर आया करता था और उसे उनकी हैसियत का भी अंदाजा था. उसकी जानकारी के अनुसार घर मे हमेशा ही 10 से 12 लाख रुपये कैश मौजूद रहते हैं, क्योंकि शिकायतकर्ता एक कॉन्ट्रेक्टर था. उसने इस जानकारी को अपने साथियों के साथ साझा किया और लूट की साजिश रची. इसके लिए उसने दो देशी कट्टा का भी इंतजाम किया और फिर मेरठ से कैब से वे गोविंदपुर मेट्रो स्टेशन पहुंचे. जहां उन्होंने कैब को छोड़ दिया और वे ई-रिक्शा से हमदर्द रेड लाईट के पास पहुंचे. जिसके बाद वे पैदल ही शिकायतकर्ता के घर के पास पहुंचे, जहां उसने अपने साथियों को शिकायतकर्ता का घर दिखाया और वहीं रुककर वो उनका इंतजार करने लगा. लूट के बाद उन्होंने एमबी रोड से ऑटो लिया और आनंद विहार बस स्टैंड गए, जहां से वे बस में सवार होकर मेरठ भाग निकले. इस मामले में पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की छानबीन में जुटी हुई है.