कनाडा के लिए फर्जी वीजा के साथ दिल्ली एयरपोर्ट से एक गिरफ्तार, पुलिस ने किया पंजाब-हरियाणा के गिरोह का भंडाफोड़
Delhi Fraud: टीम ने लोकल इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस के साथ हरियाणा और पंजाब में उनके ठिकानों पर छापेमारी कर दो महिला समेत कुल चार एजेंट को गिरफ्तार किया है.
Delhi News: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर भोले-भाले लोगों से ठगी करने वाले एक हरियाणा-पंजाब के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो महिला समेत कुल चार एजेंट को गिरफ्तार करने में कामयाब पाई है. इनकी पहचान हरियाणा के गौरव और पंजाब के नितिन शर्मा, सरबजीत कौर उर्फ सिमरनजीत कौर और गगनदीप उर्फ माही उर्फ जीत कौर के रूप में हुई है. इसके साथ ही पुलिस ने हरियाणा के रहने वाले कुलदीप को भी गिरफ्तार किया है जो फर्जी वीजा पर विदेश जाने की कोशिश कर रहा था.
कैसे चला फर्जी वीजा का पता
डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि 28 सितंबर को कुलदीप नाम का एक यात्री कनाडा जाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट के डिपार्चर इम्मीग्रेशन पर पहुंचा, जहां उसके ट्रैवेल डॉक्यूमेंट्स की स्क्रूटनी दौरान उसके पासपोर्ट पर कनाडा का फर्जी वीजा चिपका पाया गया. फर्जी वीजा पर यात्रा और इंडियन इम्मीग्रेशन के साथ चीटिंग के मामले में उसके खिलाफ दी गई शिकायत के आधार पर आईजीआई एयरपोर्ट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. जिस पर पुलिस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर छानबीन शुरू की.
बेहतर जिंदगी और अच्छी कमाई के लिए जाना चाहता था विदेश
पूछताछ में आरोपी यात्री ने बताया कि वह हरियाणा के जींद का रहने वाला है. उसका एक भाई कनाडा गया है, जहां वह बेहतर जिंदगी जी रहा है. इसलिए उसने भी कनाडा जाकर पैसे कमाने की योजना बनाई ताकि वह भी अच्छी जिंदगी जी सके. उसके इस प्रयास के दौरान उसकी मुलाकात एक एजेंट संदीप से हुई, जिसे उसके एक दोस्त ने उससे मिलवाया था. आरोपी एजेंट ने उसे 18 लाख रुपये में कनाडा भेजने और वहां जॉब दिलाने का भी भरोसा दिया. आरोपी यात्री ने आगे बताया कि उसने उक्त एजेंट को 5 लाख रुपये नकद बतौर अग्रिम भुगतान के रूप में दिए, जबकि बाकी के रकम को कनाडा पहुंचने के बाद देने की डील उनके बीच हुई थी. जिसके बाद एजेंट ने उसके लिये कनाडा के लिए टिकट और वीजा का प्रबंध किया. लेकिन दिल्ली पहुंचने पर उसे आईजीआई एयरपोर्ट पर पकड़ लिया गया.
एजेंट गिरफ्तार हो चुके एजेंट ने किया सिंडिकेट का खुलासा
इस मामले में जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी एजेंट संदीप को गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ की. आरोपी संदीप से लगातार पूछताछ करने पर पता चला कि वह अपने साथियों गौरव, नितिन, सरबजीत कौर और गगनदीप कौर के साथ मिलकर एक सिंडिकेट चला रहा था. आरोपी के खुलासे के आधार पर एसीपी आईजीआई की देखरेख और एसएचओ सुशील गोयल के नेतृत्व में एसआई राहुल, हेड कांस्टेबस दलबीर, विनोद एवं अन्य की टीम का गठन कर आरोपियों की पकड़ के लिए लगाया गया.
हरियाणा और पंजाब में छापेमारी कर चार एजेंटों को दबोचा
टीम ने लोकल इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस के साथ हरियाणा और पंजाब में उनके ठिकानों पर छापेमारी कर दो महिला समेत कुल चार एजेंट को दबिश लिया. पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकारते हुए खुलासा किया कि सरबजीत कौर उर्फ सिमरनप्रीत कौर और गगनदीप उर्फ माही उर्फ जीत कौर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर विज्ञापन वीडियो पोस्ट करते थे, जिसमें दावा किया जाता था कि वे “रिजेक्टेड मामलों में भी कनाडाई वीजा की गारंटी देंगे.” इन पोस्ट में उनके फोन नंबर शामिल थे, जिससे कनाडाई वीजा चाहने वाले लोग उनसे संपर्क करने के लिए आकर्षित होते थे.
आपस में बांटते थे ठगी की रकम
आरोपी गौरव हरियाणा के करनाल में “द वीजा स्ट्रीट” नाम से एजेंट के रूप में काम करता था, जो कमीशन के आधार पर सरबजीत कौर और गगनदीप कौर के साथ मिलकर काम करता था. इसके अतिरिक्त आरोपी नितिन शर्मा मोहाली, पंजाब में एक इमिग्रेशन एजेंट के रूप में काम करता था, जहां वह अनजान यात्रियों के पासपोर्ट पर नकली वीजा और टिकट जारी करने में मदद करता था. वे एक सिंडिकेट के रूप में मिलकर काम थे और धोखाधड़ी से होने वाली आय को आपस में बांट लेते थे. वे लोगों को कम लागत पर विदेश भेजने के वादे के साथ फुसलाते थे, ताकि वे जल्दी और आसानी से पैसे बना सकें.
इस मामले में अन्य एजेंटों की संलिप्तता का पता लगाने और आरोपी व्यक्तियों के बैंक खातों की जांच कर अन्य समान मामलों में उनकी संभावित संलिप्तता का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है.
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