Delhi Crime: साइबर ठगी (Cyber Crime) करने वाले अपराधी लगातार नए-नए ठगी के तरीकों को अपना कर लोगों को अपना शिकार बनाने में लगे रहते हैं, जिसके खुलासे के लिए पुलिस भी लगातार प्रयासरत रहती है. ठगी के एक ऐसे ही अनोखे मामले का खुलासा दिल्ली के द्वारका जिले की साइबर पुलिस (Delhi Police) ने किया है. इसमें साइबर ठग, लोगों को पतंजलि आयुर्वेदिक (Patanjali Ayurvedic) उपचार का झांसा देकर उनसे ठगी को अंजाम देते थे. इस मामले में पुलिस ने दिल्ली के लक्ष्मी नगर के रहने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है, जिसके कब्जे से पुलिस ने 02 लैपटॉप और 01 मोबाइल फोन बरामद किया है.


बिहारी साथी के साथ लगा रहा था लोगों को चूना
डीसीपी एम. हर्षवर्धन के अनुसार, आरोपी अपने सहयोगी सुमित कुमार के साथ मिल कर पतंजलि में उपचार के नाम पर लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम देता था. राहुल ने ही इस फर्जी वेबसाईट को बनाया था, जिससे ये लोगों को झांसे में लेते थे और फिर ठगी गयी रकम का आपस मे बराबर बंटवारा कर लेते थे.


आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर 95 हजार की ठगी
डीसीपी ने बताया कि साइबर पुलिस को दी गयी शिकायत में शिकायतकर्ता नितिन शर्मा ने बताया कि, उसने अपनी पत्नी के आयुर्वेदिक उपचार के लिए गूगल पर सर्च किया था, जिसमे उसे गूगल के माध्यम से एक मोबाइल नम्बर प्राप्त हुआ. उसपर फोन करने पर दूसरी तरफ से कॉल अटेंड करने वाले ने खुद का परिचय पतंजलि के डॉ. सचिन अग्रवाल के रूप में दिया और रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 50 हजार रुपये भुगतान करने का निर्देश दिया. शिकायतकर्ता ने दिए गए बैंक एकाउंट में 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिये, लेकिन इसके बाद वो उस नम्बर पर फिर से संपर्क नहीं कर पाया. 


इसके बाद उसे गूगल पर पतंजलि उपचार के लिए एक और नम्बर मिला, जिसमें उसे 45 हजार 600 रुपये एक दूसरे बैंक एकाउंट में जमा करने के लिए कहा गया. पैसे जमा करने के बाद शिकायतकर्ता ने जब मोबाइल पर उससे संपर्क किया तो आरोपी ने 56 हजार 800 रुपयों की और मांग की. इसके बाद शिकायतकर्ता को ठगी का एहसास हुआ और उसने मांगी गई रकम का भुगतान न कर पुलिस में इसकी शिकायत कर दी. इस मामले में 01 मार्च को साइबर थाने में शिकायत दर्ज की गई.


एसीपी की देखरेख में की गयी थी एक टीम गठित
मामले की जांच और आरोपियों को पकड़ने के लिए, एसीपी ऑपरेशन राम अवतार की देखरेख में एसएचओ साइबर थाना जगदीश कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर बीरेंद्र सिंह, एसआई विकास कुमार, हेड कॉन्स्टेबल परवेश और अमित की टीम का गठन किया गया था.


लक्ष्मी नगर में छापेमारी कर दबोचा गया आरोपी को  
जांच में जुटी पुलिस टीम ने आरोपियों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी के लिए कॉल डिटेल का तकनीकी विश्लेषण किया, साथ ही बैंक अकाउंट के ओनरशिप की भी जानकारी प्राप्त की गई. इससे प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस ने लक्ष्मी नगर में छापेमारी कर आरोपी राहुल को दबोच लिया. उसके कब्जे से वारदात में इस्तेमाल 02 लैपटॉप और 01 मोबाइल फोन भी बरामद किया गया.


पतंजलि की फर्जी वेबसाइट बनाकर लेता था झांसे में 
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो फर्जी वेबसाइट बनाने का काम करता है. वह अपने सहयोगी सुमित के साथ मिल कर लोगों को किसी सर्विस को उपलब्ध करवाने का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम देता था. इसके लिए आरोपी पतंजलि जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाता था, जिस पर बिहार के राजगीर के रहने वाले उसके सहयोगी सुमित द्वारा उपलब्ध करवाए गए मोबाइल नंबर को डाला जाता था. सुमित ही लोगों के कॉल रिसीव करता था और फिर अलग-अलग बैंक एकाउंट में पैसे जमा करवाता था. बाद में दोनों पैसे आपस में बांट लेते थे. वे ज्यादातर, पतंजलि योगपीठ के नाम पर लोगों से ठगी करते थे. ठगी के इस तरीके का इस्तेमाल कर आरोपियों ने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है. इस मामले में पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की जांच और उसके साथी की तलाश में जुटी है.


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