Delhi Call Center News: उत्तर पूर्वी जिले के साइबर थाना पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा कर सबको चौंका दिया है. कॉल सेंटर के संचालक और उनके सहयोगी अवैध तरीके से कारोबारियों को उत्पादों को नेशनल और इंटरनेशनल मार्केट में लिस्ट कराने और उसे बेचने में सहायता करने का झांसा देकर लाखों का चूना लगा रहे थे. ठगी के इस मामले में पुलिस ने दो सगे भाइयों समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.


ठगी के इस मामले में पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत में 11 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी का आरोप लगाया था. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिल्ली के देवली खानपुर निवासी कुलदीप जोशी (29), दीपक जोशी (25), आदर्श (24) और मेरठ के जमशेद अंसारी (24) के रूप में हुई है. 


मोबाइल फोन, लैपटॉप, तीन हार्ड डिस्क बरामद 


दिल्ली साइबर थाना पुसिल ने आरोपियों के कब्जे से दो आईफोन समेत कुल छह मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, तीन हार्ड डिस्क ड्राइव और डेबिट कार्ड आदि बरामद किया है.


डीसीपी डॉक्टर जॉय तिर्की के मुताबिक चार सितंबर को साइबर थाने की पुलिस को दी गई शिकायत में करावल नगर के रहने वाले शिकायतकर्ता बासु सिंह ने बताया कि वह सिल्वरिन आर्ट एंड क्राफ्ट कंपनी के मालिक हैं. उनसे कुछ अज्ञात लोगों द्वारा 11 लाख रुपए की ठगी की गई है. ठगों ने उनसे संपर्क कर खुद को भारतीय एक्सपोर्टर कंपनी की तरफ से बताया और उनके उत्पादों को इंटरनेशनल मार्केट में बेचने में मदद करने का लालच दिया था. 


ऐसे चला आरोपियों का पता


इसमामले की छानबीन और आरोपियों की पकड़ के लिए एसीपी ऑपरेशन और एसएचओ साइबर विजय कुमार की देखरेख में टीम का गठन किया गया. जांच के दौरान टीम को संदिग्धों के दिल्ली के न्यू अशोक नगर इलाके में होने का पता चला. जिस पर टीम ने अशोक नगर में छापेमारी कर चार आरोपियों को दबोच लिया. ये वेब भारत डिजिटल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे. 


सर्टिफिकेट निकले नकली 


पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकार करते हुए खुलासा किया कि ठगी की वारदात में जिसने खुद को जोश विलियम्स बताकर शिकायतकर्ता से संपर्क किया वो कोई और नहीं, बल्कि आरोपी कुलदीप जोशी का छोटा भाई दीपक जोशी है. आरोपियों ने बताया कि वे ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के लिए ठगी करते थे. आगे की जांच में पुलिस को यह भी पता चला कि जोश विलियम्स द्वारा पीड़ित से मांगे गए सभी सर्टिफिकेट और भारतीय एक्सपोर्टर द्वारा ठगी गई रकम के बदले में दिए गए सर्टिफिकेट नकली और जाली थे.


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