Delhi Crime News: वेब सीरीज देखकर बनाने लगे नकली नोट, पुलिस ने यूं किया भंडाफोड़, 19 लाख रुपये के नोट जब्त
Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 19 लाख रुपए की नकली बरामद की है. आऱोपी कॉम्पटीशन एग्जाम की तैयारी कर रहे थे.
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Delhi News: दिल्ली पुलिस ने शाहिद कपूर अभिनीत वेब शृंखला 'फर्जी' से प्रेरित होकर नकली मुद्रा रैकेट चलाने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 19 लाख रुपये से अधिक मूल्य के जाली नोट जब्त किए हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अक्षरधाम मंदिर के पास हुई गिरफ्तारी
अधिकारियों ने बताया कि गिरोह कथित तौर पर अजमेर में जाली नोट छापने की इकाई चलाता था और उन्हें दिल्ली एनसीआर में प्रसारित करता था. विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने एक गोपनीय सूचना के आधार पर आरोपी की गिरफ्तारी की. उन्होंने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि नकली नोटों के प्रसार में शामिल दो लोग नोटों की एक खेप देने के लिए अक्षरधाम मंदिर के पास आएंगे. अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सरगना सकूर मोहम्मद (25) को उसके सहयोगी लोकेश यादव (28) के साथ गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि उनके कब्जे से 500 के छह लाख रुपये मूल्य के उच्च गुणवत्ता वाले नकली नोट बरामद किए गए.
अजमेर से चलता था रैकेट
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान मोहम्मद ने पुलिस को बताया कि उसे नकली नोट हिमांशु जैन (47), शिव लाल (30) और उसके भाई संजय गोदारा (22) से मिले थे. विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) ने कहा, आरोपी ने राधे और शिवलाल के साथ मिलकर राजस्थान के अजमेर में एक किराए के घर में जाली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) छापने के लिए एक इकाई स्थापित की थी. उन्होंने बताया कि उनके पास से नकली नोट छापने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण, 19,74,000 रुपये मूल्य के उच्च गुणवत्ता वाले नकली नोट, दो कारें और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए.
कॉम्पटीशन एग्जाम की कर रहे थे तैयारी
मोहम्मद एक चित्रकार है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 2015 में अजमेर गया था. उन्होंने बताया कि उसे जाली नोट छापने और प्रसारित करने की प्रेरणा वेब सीरीज 'फर्जी' से मिली. उसका साथी शिव लाल भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 2011 में अजमेर गया था. पुलिस ने कहा कि वह कर्ज में डूबा हुआ था और उसने मोहम्मद और राधे के साथ मिलकर एफआईसीएन इकाई खोलने की साजिश रची.
एक आरोपी की तलाश जारी
शिव लाल के भाई गोदारा को नोटों की मुद्रित शीटों को काटने का काम सौंपा गया था. उन्होंने बताया कि जैन को ग्राहकों की तलाश करने का काम सौंपा गया था, जबकि उसके दोस्त लोकेश को नकली नोटों की डिलीवरी का काम सौंपा गया था. गोदारा, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 2018 में अजमेर गए थे. पुलिस ने कहा कि राधे का पता लगाने और उसे गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं.
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