Delhi News: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक इंटर स्टेट आर्म सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया. इसका खुलासा स समय हुआ जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक हथियार बनाने वाले व्‍यक्ति समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी की. यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में अपराधियों और तस्करों को सेमी-ऑटोमैटिक बंदूकें मुहैया कराता था. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों की पहचान मध्य प्रदेश के खरगोन निवासी अमरजीत सिंह उर्फ सरदार (35) के रूप में हुई, जो एक हथियार निर्माता है. साथ ही इसमें विमल कुमार (19) और सुमित कुमार (19) भी शामिल हैं. यह दोनों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के निवासी हैं. अधिकारी ने बताया कि उनके पास से प्वाइंट 32 बोर की 11 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल भी बरामद की गई हैं.


9 दिन पहले मिली थी आर्म सिंडिकेट के बारे में सूचना


 डीसीपी स्पेशल सेल आलोक कुमार ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि दिल्ली एनसीआर में गैंगस्टर और कट्टर अपराधी एमपी स्थित हथियार निर्माता और आपूर्तिकर्ता से परिष्कृत हथियार खरीद रहे हैं. डीसीपी ने कहा कि गुप्ता के आधार पर चार महीने से अधिक समय तक निरंतर प्रयासों के बाद इस अंतरराज्यीय बंदूक सिंडिकेट के कुछ सदस्यों की पहचान की गई. 4 दिसंबर को पुलिस को विशेष जानकारी मिली थी कि इस हथियार सिंडिकेट के दो सदस्य विमल और सुमित खरगोन से पिस्तौल की एक खेप खरीदकर दिल्ली पहुंचे हैं. पिस्तौल पहुंचाने के लिए दोपहर में एमबी रोड के पुल प्रह्लादपुर अंडरपास के पास दिल्ली के एक हथियार तस्कर से मिलेगा. 


हाशिम बाबा गिरोह हथियार सप्लाई करने आया था दिल्ली


खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और दोपहर करीब 1.30 बजे दोनों को पुल प्रह्लादपुर अंडरपास की ओर आते देखा गया और पुलिस टीम ने उन्हें पकड़ लिया.डीसीपी ने कहा कि तलाशी के दौरान दोनों के पास से 10 सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौलें बरामद हुईं. पिस्तौलों की सप्लाई दिल्ली में हाशिम बाबा गिरोह के सदस्यों को की जानी थी.


आरोपी खुद बनाता है पिस्तौल


डीसीपी के मुताबिक आरोपियों ने आगे खुलासा किया कि वे अमरजीत से 8,000 प्रति पिस्तौल खरीदकर दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों में अपराधियों को प्रति पिस्तौल 25,000 रुपये में बेचते थे. आरोपियों ने पुलिस को यह भी बताया कि वे पिछले दो वर्षों में 50 से अधिक हथियारों की आपूर्ति कर चुके हैं. आगे की जांच के दौरान आपूर्तिकर्ता, अमरजीत सिंह को भी 5 दिसंबर को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया और उसके कब्जे से एक अर्ध-स्वचालित पिस्तौल बरामद की गई. डीसीपी ने कहा, “लगातार पूछताछ करने पर अमरजीत सिंह ने खुलासा किया कि वह खुद अवैध पिस्तौल बनाता है और पिछले दस वर्षों से इस व्यापार में शामिल है.”


Raghav Chadha ने केंद्र पर लगाया लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप, CEC नियुक्ति बिल को बताया 'बिलडोजर'