Jahangirpuri Violence: पुलिस कमिश्नर Rakesh Asthana ने जहांगीरपुरी हिंसा में घायल SI मेदा लाल से की मुलाकात, हर सहयोग का दिया आश्वासन
दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा निकालने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा के दौरान सब-इंस्पेक्टर मेदा लाल मीणा घायल हो गए थे.
Delhi Jahangirpuri Violence: शनिवार, 16 अप्रैल को को हनुमान जयंती के मौके पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान दिल्ली (Delhi) के जहांगीरपुरी इलाके में हिंसा भड़क उठी थी. इस दौरान पुलिस के कई जवान भी घायल हो गए थे. जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर मेदा लाल (Sub-Inspector Meda Lal) भी घटना के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे. वहीं पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Police Commissioner Rakesh Asthana) रविवार रात को सब-इंस्पेक्टर मेदा लाल से मिलने उनके आवास पहुंचे थे. इस दौरान पुलिस कमिश्नर ने घायल इंस्पेक्टर का हाल-चाल लिया और विभाग की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन भी किया.
पुलिस कमिश्नर ने एसआई मीणा के साहस पर किया गर्व
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि “सीपी, दिल्ली ने एसआई मेदा लाल से कहा कि पूरे पुलिस बल को उनके साहस और कर्तव्य की भावना पर गर्व है. उन्होंने अनियंत्रित भीड़ को जल्दी से नियंत्रित करने में मदद की. इसी के साथ पुलिस कमिश्नर ने एसआई मीणा को हर संभव सहायता और सहयोग का आश्वासन दिया.”
वहीं उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई झड़प में गोली लगने से घायल हुए सब-इंस्पेक्टर मीणा ने रविवार को कहा कि पुलिस ने शुरू में स्थिति को शांत किया लेकिन एक समूह ने पथराव शुरू कर दिया और सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चला दीं.
जहांगीरपुरी में कैसे भड़क उठी थी हिंसा
बता दें कि दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी. इसी दौरान शोभायात्रा पर पत्थरबाजी होने लगी और देखते ही देखते हिंसा भड़क उठी. हिंसा में मेदा लाल भी घायल हो गए. उनके हाथ में चोट आई. जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस अब तक 21 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन पिस्टल और पांच तलवार भी बरामद की हैं. वहीं शोभायात्रा के दौरान गोली चलाने वाले आसोपी असलम को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
वकील ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर की है ये मांग
वहीं इस दौरान एक वकील ने जहांगीरपुरी हिंसा पर संज्ञान लेने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि शोभायात्रा निकालने वालों ने भड़काऊ हरकतें कीं. इसके चलते हिंसा हुई, लेकिन पुलिस ने अब तक सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को गिरफ्तार किया है.
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