Cyber Crime News: अगर आप या आपके कोई जानकार जॉब की तलाश में हैं और इसके लिए ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स पर अप्लाई कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए. दरअसल, आज-कल साइबर ठगों की निगाह ऐसे ही युवाओं पर है. इन्हें वो झांसे में लेकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के साइबर थाने की पुलिस ने मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो बाकायदा एक कॉल सेंटर के जरिए लोगों को कॉल करवा कर पहले तो झांसे में लेते थे और फिर उनसे पैसों की ठगी को अंजाम देते थे.
एक साल में 250 से ज्यादा युवाओं को बनाया शिकार
डीसीपी जितेंद कुमार मीणा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, अमीर ज़ीशाम, राहुल सिंह राजावत, रेखा और शिवम शर्मा के रूप में हुई है. ये दिल्ली के द्वारका, नरेला और यूपी के नोएडा के रहने वाले हैं. इनके कब्जे से पुलिस ने 10 मोबाइल फोन, 7 एटीएम कार्ड, 1 लैपटॉप, 3 सिम कार्ड, 1 पासबुक और 4 चेकबुक बरामद किए गए हैं. आरोपी अमीर ज़ीशाम बीटेक इंजीनियर है और इसी ठगी के गैंग का मास्टरमाईंड हैं. जबकि राहुल राजावत उसका उसका पार्टनर है. आरोपियों ने मिल कर पिछले एक साल में 250 से ज्यादा युवाओं को अपना शिकार बनाया है.
टेलिफोनिक इंटरव्यू और ऑफर लेटर से लिया झांसे में
डीसीपी ने बताया कि 3 जनवरी को नॉर्थ वेस्ट जिले के साइबर थाने की पुलिस को दी गई शिकायत में शकरपुर के शिकायतकर्ता 21 वर्षीय मनीष गुप्ता ने बताया कि जॉब तलाश करने के दौरान उसने ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स पर भी अप्लाई किया था. जिसके कुछ दिन बाद, उसे एक कॉल आई और उसे एचडीएफसी बैंक में अकाउंटेंट की जॉब ऑफर की गई. इसके लिए रजिस्ट्रेशन फी के रूप में, उससे 1500 रुपये मांगे गए. जिसे उसने ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद ठगों ने उसका ऑनलाइन टेस्ट एवं टेलिफोनिक इंटरव्यू लिया और फिर ईमेल के माध्यम से उसे ऑफर लेटर भेजा.
अलग-अलग चार्जों के नाम पर ठगे 70 हजार
इसके बाद, उसे एक साल के बाद रिफंड किये जाने के वादे का झांसा दे कर विभिन्न चार्जों, जैसे, लैपटॉप चार्ज के लिए 6580, सैलरी अकाउंट खोलने के लिए 10500, हेल्थ इंश्योरेंस के लिए 15500, ड्रेस और जूतों के लिए 16500 और डोमेन आईडी कार्ड के नाम पर- 18500 रुपये मांगे गए, जिसे उसने ठगों की ओर से बताए गए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया. लेकिन, जब उससे पार्सल डिस्पैच करने के नाम पर 22500 रुपये और मांगे गए तो उसे शक हुआ और जॉब के नाम पर खुद के साथ 69 हजार की ठगी का एहसास हुआ.
एसीपी की देखरेख में टीम गठित
शुरुआती छानबीन के बाद साइबर थाने में मामला दर्ज किया. इसके बाद एसीपी पंकज सिंह की देखरेख में एसएचओ विजेंदर के नेतृत्व में इंस्पेक्टर केके झा, एसआई विनोद, एएसआई रोशन लाल, हेड कॉन्स्टेबल मोहित, मनीष और महिला कॉन्स्टेबल पुष्पा की टीम का गठन कर मामले की जांच और आरोपियों की पकड़ के लिए लगाया गया था.
कॉल सेंटर से तीन को दबोचा
जांच में जुटी पुलिस टीम ने मनी ट्रेल का विश्लेषण कर बेनिफिसरी बैंक अकाउंट की डिटेल हासिल की और बारीकी से उसकी जांच के बाद टेक्निकल सर्विलांस को सक्रिय किया. साथ ही लोकल इंटेलिजेंस के लिए सूत्रों को भी तैनात किया गया. इनसे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने द्वारका सेक्टर-7 में चल रहे एक कॉल सेंटर में छापेमारी की. इसके बाद पुलिस ने यहां से एक महिला सहित कुल तीन आरोपियों को दबोचा. जिनकी पहचान, अमीर जीशान, राहुल राजावत और रेखा के रूप में हुई. मौके से पुलिस ने मोबाइल फोन, लैपटॉप, एटीएम, सिम कार्ड और पासबुक आदि बरामद किया, जिसे जब्त कर पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया.
किराए की जगह पर चला रहे थे कॉल सेंटर
आगे की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आमिर जीशान और राहुल राजावत पार्टनर हैं, जिनकी इस कॉल सेंटर से होने वाली कमाई के बराबर की हिस्सेदारी है. ये द्वारका इलाके में पिछले 6 महीनों से 15 हजार रुपये प्रति महीने के किराए पर जगह लेकर कॉल सेंटर चला रहे थे. इसके लिए आरोपियों ने रेखा को 20 हजार रुपये प्रति महीने की सैलरी पर टेलीकॉलिंग के लिए रखा था. इसके अलावा वो कमीशन बेसिस पर अनजान लोगों के बैंक अकाउंट और सिम कार्ड भी उपलब्ध करवाती थी. पूछताछ में उनकी निशानदेही पर पुलिस ने यूपी के नोएडा से शिवम शर्मा को भी दबोच लिया, जो ठगी की रकम के ट्रांजेक्शन के लिए अपना अकाउंट कमीशन के आधार पर आरोपियों को देता था. वो प्रति ट्रांजेक्शन 10 हजार रुपये आरोपियों से लेता था.
कम्प्यूटर इंजीनियर ने जॉब छोड़ कर बनाया ठगी का प्लान
सख्ती से पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकारते हुए बताया कि वो इससे पहले रमेश नगर और उत्तम नगर इलाकों के अपना कॉल सेंटर चलाया करते थे. बाद में इसे उन्होंने द्वारका इलाके में शिफ्ट कर दिया. आरोपी आमिर ज़ीशाम ने खुलासा किया कि वो बीटेक कम्प्यूटर इंजीनियर है. वो इससे पहले जॉब किया करता था, जहां 60 हजार रुपये उसे बतौर सैलरी मिलते थे. लेकिन, वह इससे खुश नहीं था. जॉब के दौरान उसने जॉब रिक्रूटमेंट के प्रोसेस को समझा. इसके बाद उसने जॉब को छोड़ कर राहुल के साथ साझेदारी में इस कॉल सेंटर की शुरुआत की.
ठगी से हर महीने 3 लाख की करते थे कमाई
आरोपियों ने खुलासा किया कि मल्टी नेशनल कंपनी में विभिन्न जॉब प्रोफाइल का झांसा दे कर 250 से भी ज्यादा लोगों से ठगी को अंजाम दे चुके हैं. इसके लिए वो अलग-अलग जॉब साईट से डेटा कलेक्ट करते थे और फिर उन्हें टेलीकॉलर रेखा के जरिए कॉल करवाते थे और फिर तय प्रक्रिया के अनुसार, झांसे में लेकर ठगी को अंजाम देते थे. उन्होंने बताया कि हर महीने वो लोगों को झांसे में लेकर 3 लाख रुपये तक कमाते थे. इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.
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