दिल्ली पुलिस की और से आधिकारिक आंकड़े जारी किए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि इस साल 15 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी के तीन जिलों और दो इकाइयों में पहली बार किसी अपराध को अंजाम देने वाले 17,400 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.


न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आरटीआई के जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा कि उत्तरी दिल्ली, रोहिणी और पश्चिमी दिल्ली रेलवे और दिल्ली मेट्रो में कुल 17,400 लोगों के खिलाफ पहली बार अपराध से जुड़ा कोई मामला दर्ज किया गया है. हालांकि कई मामलों में ये अपराध गंभीर अपराधों में बदल सकते हैं.


सिनेमा से प्रभावित होकर करते हैं अपराध


आंकड़ों को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने कई ऐसे लोगों से पूछताछ की, जिन्होंने पहली बार कोई अपराध किया है या जो किसी भी आपराधिक गिरोहों द्वारा काम पर रखे गए हैं या आज कल के सिनेमा से प्रभावित हैं, जहां वे अपराधियों की शानदार जीवनशैली को देखकर उनके जैसा बनने की कोशिश करते हैं.


फर्जी आईडी बनाकर लोगों को ठगना


पुलिस अधिकारी ने कहा कि कई युवा साइबर अपराधों में शामिल होते हैं और फर्जी आईडी बनाकर लोगों से पैसे ठगते हैं और उन्हें परेशान करते हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस टीम ने कई युवाओं को भी गिरफ्तार किया, जो पहली बार अपराध कर रहें हैं और गिरोह के सदस्यों की जीवनशैली को देखकर आपराधिक गिरोह में शामिल हो जाते हैं.


अधिकारी ने यह भी बताया कि कई बार युवा सुपर बाइक, कार और महंगे जूते खरीदने के लिए भी लोगों को ठगना शुरू कर देते हैं. ऐसे लोग पूरी तरह से बेखबर रहते हैं कि पुलिस उन्हें पकड़ने और उन्हें सलाखों के पीछे डालने के लिए हर समय काम करती है. उन्होंने कहा कि बुजुर्गों और अभिभावकों को अपने बच्चों पर ध्यान देना चाहिए. उनका किसके साथ उठना-बैठना है इन सभी गतिविधियों पर ध्यान देने का काम अभिभावकों का है.


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