दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत से किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट चलाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. जो राजधानी में गरीब और बेघर लोगों को पैसे का लालच देकर निशाना बनाता था. पुलिस ने इस गिरोह में अब तक एक डॉक्टर समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन लोगों की गिरफ्तारी 26 मई को हौज खास थाने में आईपीसी की धाराओं के तहत धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश आदि के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की है. 


इस गिरोह के आरोपियों के दिल्ली से लेकर गुहाना तक तार जुड़े मिले है, फिर पुलिस ने एक-एक कर आरोपियों को दबोचा. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सर्वजीत जलवाल, शैलेश पटेल, मोहम्मद लतिफ, विकास, रणजीत गुप्ता, डॉ. सोनू रोहिल्ला, डॉ. सौरभ मित्तल, कुलदीप राय विश्वकर्मा उर्फ केडी, ओम प्रकाश शर्मा और मनोज तिवारी शामिल हैं. वीआईपी हौजखास में प्री एनेस्थीसिया जांच क्लीनिक की आड़ में किडनी खरीद-फरोख्त का खेल चल रहा था.


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दक्षिण दिल्ली की पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) बेनिता मैरी जैकर ने कहा कि अब तक, असम, पश्चिम बंगाल, गुजरात और केरल के रहने वाले 21 से 32 वर्ष की आयु के चार पीड़ितों की पहचान की गई है. पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए डॉक्टर ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह एक मरीज से ऑपरेशन के लिए लाखों रुपये लेता था. छह महीने में लगभग 14 लोगों को इस गैंग ने निशाना बनाया. आरोपी सर्वजीत व शैलेश पटेल लोगों को लालच देकर किडनी डोनेट करने के लिए फंसाते थे. इसके साथ ही मोहम्मद लतिफ एक स्कैनिंग सेंटर में काम करता था, जहां किडनी स्कैन की जाती थी. वहीं विकास और रणजीत लोगों को हरियाणा के गुहाना स्थित एक जांच केंद्र पर ले जाते थे, जहां किडनी निकाली जाती थी.


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